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बीकानेर के बहुचर्चित मोनोलिसा हत्याकांड में पुलिस जल्द ही सनसनीखेज खुलासा करेगी। जानकारी में बीकानेर के एएसपी अमित कुमार बुढ़ानिया ने गहन जांच पड़ताल के बाद अभी दो सप्ताह पहले ही इस हत्याकांड का पर्दाफाश किया था। पुलिस सूत्रों के अनुसार बीते पखवाड़े भर से पुलिस रिमांड पर चल रहे मुख्य अभियुक्त भवानी सिंह शेखावत ने मोनोलिसा को मौत के घाट उतारने के बाद उसके शव का अंतिम संस्कार कर दिये जाने की पूरी कहानी उगल दी है। जबकि गिरफ्तारी के बाद रिमांड के पहले चरण में आरोपी भवानी सिंह पुलिस को कई तरह की कहानिया सुनाकर उलझा रहा था। जानकारी में रहे कि इस हाईप्रोफाई हत्याकांड में पुलिस सबूत मिटाने के आरोपी जितेन्द्र शर्मा,फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने वाले वकील नवल धवल,प्रोपर्टी कारोबारी मुकेश धौलपुरिया को हिरासत में ले चुकी है। जबकि मोनोलिसा की प्रोपर्टी खरीदनें के आरोपी रविन्द रामपुरिया,उसका लड़का चिराग रामपुरिया और जसवंत जाट अभी पुलिस की रडार में है। हत्याकांड को लेकर अब तक हुई जांच पड़ताल में खुलासा हो चुका है कि मोनालिसा की हत्या उसके प्रेमी भवानी सिंह ने अपने साथी के साथ मिलकर की थी। हत्या के तार मृतका की प्रोपर्टी से जुड़े हुए बताये जा रहे है। यह भी खुलासा हो चुका है आरोपी भवानी सिंह ने हत्या के सबूत मिटाने में करणी नगर कॉलोनी निवासी जितेन्द्र शर्मा व उसकी पत्नी सोनिका शर्मा का भी सहयोग लिया था। साजिशन तरीके से हुए इस संगीन हत्याकांड का पर्दाफाश करने के लिये पुलिस ने मृतका की माता रुना चौधरी व आरोपी भवानीसिंह के 164 सीआरपीसी में अलग-अलग बयान दर्ज करवाए गये और दोनों के बयान अलग अलग होने के कारण वारदात का राजफाश हो गया।

झूठी बनाई थी कहानी
पुलिस के अनुसार मुख्य आरोपी भवानी सिंह इस हत्याकांड को लेकर अपनी अलग ही कहानी बना रखी थी। शुरूआती पूछताछ में उसने पुलिस को बताया कि था कि मोनालिसा के फिसल कर बेहोश हो गई थी,जिसे वह बेहोशी की हालत में अपने एक दोस्त के साथ होस्पीटल लेकर गया था। जबकि पुलिस ने अस्पताल का रेकार्ड चेक किया, तो पता चला कि वह उसे अस्पताल लेकर गया ही नहीं। आरोपी ने मृतका की माता रूना चौधरी की अनुमति के बिना ही उसका अंतिम संस्कार कर दिया। पुलिस जांच में पता चला कि आरोपी भवानी ने मोनालिसा की हत्या कर, हत्या के सबूत नष्ट करने की कोशिश की और महीनेभर तक रुना चौधरी को गुमराह किया।

मुकदमा दर्ज होने के महिनेभर बाद खुला राज
मोनालिसा की कोरोनाकाल में जयपुर में मौत हो गई थी। उसके परिजनों ने पुलिस अधीक्षक व संबंधित थाना पुलिस को मामला दर्ज करने के लिए परिवाद दिया, लेकिन रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई। इस पर मोनालिसा के परिजनों ने पुलिस महानिदेशक से मिलकर न्याय की गुहार लगाई। तब 21 नवंबर, 22 को यह मामला सदर थाने में दर्ज हुआ । रिपोर्ट में जयपुर रोड स्थित करोड़ों की जमीन हड़पने के लिए मोनालिया की साजिशन हत्या करने का भवानीसिंह, रविन्द्र रामपुरिया, चिराग रामपुरिया, जसवंत जाट व एक अन्य पर आरोप लगाया गया। मामले की जांच पड़ताल के बाद पुलिस ने महिनेभर बाद मुख्य आरोपी भवानी सिंह को गिरफ्तार कर हत्या का राजफाश किया था। पुलिस के मुताबिक मोनालिसा जिस युवक के साथ रिलेशनशिप में रह रही थी, उसी ने उसकी हत्या की। इतना ही नहीं, हत्या को कोरोना से मौत होना भी प्रचारित कर दिया।

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