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बीकानेर,भीलवाड़ा में नाबालिग से यौन शोषण और उसकी मां पर एसिड अटैक मामले का खुलासा करते हुए पुलिस ने घोड़ास डांग के हनुमान मंदिर सहित पांच आश्रमों के मुखिया महंत सरजूदास को पकड़ा है.

सरजूदास के खिलाफ नाबालिग की मां ने एसिड अटैक करने का भी मामला दर्ज करवाया था जिसके बाद बुधवार को 8 थानों की पुलिस ने घोड़ास स्थित आश्रम जाकर महंत को पकड़ा. सरजूदास को पकड़ने के बाद एक बार फिर भीलवाड़ा के मांडल में पुलिस महकमे में तैनात एएसपी चंचल मिश्रा चर्चा में है जिन्होंने महंत को आश्रम जाकर गिरफ्तार किया है. बता दें कि चंचल मिश्रा वही पुलिस अधिकारी है जिन्होंने जोधपुर में आश्रम से ही आसाराम बापू को गिरफ्तार किया था.

चंचल मिश्रा आसाराम केस के समय जोधपुर में पदस्थापित थी और मामले में अनुसंधान अधिकारी रही हैं और वर्तमान में वह मांडल में उपाधीक्षक हैं. मिश्रा की बहादुरी के किस्से राज्य भर में चर्चित रहते हैं और उन्हें लेडी सिंघम भी कहा जाता है.

दरअसल चंचल मिश्रा पहली बार तब चर्चा में आई जब दुष्कर्म के आरोप लगने के बाद लाखों समर्थकों वाले आसाराम को दूसरे राज्य में जाकर गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे पहुंचाया था. आसाराम मामले में चार्जशीट भी चंचल मिश्रा ने ही तैयार की थी.

8 थानों की पुलिस ने सूरजदास को पकड़ा

बता दें कि चंचल मिश्रा के नेतृत्व में महंत को गिरफ्तार करने से पहले वाटिका के पास तीन अलग-अलग गाडियां लगाई गई जिसमें से एक गाड़ी में सरजूदास महाराज को बिठाकर पुलिस अपने साथ ले गई. महंत के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज होने के बाद मांडल, आसींद, करेड़ा, बनेड़ा, रायला, बागोर और पुर थाने के पुलिस जाब्ते ने महंत के आश्रम पर लगाया गया. इस दौरान आश्रम के बाहर भारी संख्या में पुलिस के जवान तैनात रहे.

एएसपी चंचल मिश्रा ने बताया कि मांडल थाने में दर्ज एक पॉक्सो मामले में घोड़ास में डांग के हनुमान मंदिर के प्रमुख महंत सरजुदास को गिरफ्तार कर लिया गया है और अब आसाराम की तरह पुलिस मामले की जांच कर महंत का पोटेंसी टेस्ट करवाने पर विचार कर रही है.

आसाराम को पहुंचाया था सलाखों के पीछे

मालूम हो कि दुष्कर्म के आरोप लगने के बाद लाखों समर्थकों वाले आसाराम को दूसरे राज्य में जाकर गिरफ्तार कर जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाने में राजस्थान की एक महिला पुलिस अधिकारी चंचल मिश्रा का अहम रोल रहा. चंचल मिश्रा ने जोधपुर में एसीपी के पद पर रहने के दौरान आसाराम को पकड़ने के लिए मध्य प्रदेश गई जहां आश्रम हजारों समर्थकों से घिरा हुआ था वहां से मिश्रा आसाराम को हथकड़ी लगाकर बाहर निकली.वहीं आसाराम के मामले की चार्जशीट भी चंचल मिश्रा ने ही तैयार की थी. आसाराम मामले के वकीलों ने उस समय कहा था कि इस मामले की सबसे बड़ी मजबूती इसकी चार्जशीट थी जिसके चलते ही आसाराम को एक बार भी जमानत नहीं मिल पाई और गवाही के दौरान भी चंचल मिश्रा सख्ती से डटी रहीं. वहीं इस मामले में पीड़िता के बयान को साबित करने वाले सभी तथ्यों व सबूतों को सतर्कता के साथ जुटाया गया.

बता दें कि आरपीएस की ट्रेनिंग पूरी होने के बाद जोधपुर में चंचल की पहली पोस्टिंग थी जहां जाते ही उन्हें आसाराम के हाई प्रोफाइल केस में काम करने का मौका मिला. चंचल बताती है कि आसाराम की गिरफ्तारी के बाद से उनके समर्थकों से लगातार उन्हें जान से मारने की धमकियां मिली जिसके बाद उन्हें विशेष सुरक्षा भी मुहैया कराई गई थी.

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