Trending Now




बीकानेर,लग रहा है कि राजस्थान की राजनीति तेजी से बदलाव के नये मोड़ पर है. ऐसा इसलिए नहीं कि आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर वहां पर राजनीति अभी से गरमाने लगी है, बल्कि इसलिए कि प्रदेश की राजनीति के जादूगर के रूप में लोकप्रिय सीएम अशोक गहलोत ने बैक टू बैक तीन ऐसे ट्वीट किए हैं, जो बड़ा सियासी संदेश देने वाले हैं.उनके ​ट्वीट में शामिल शब्द संदेश दे रहे हैं कि सभी लोग बड़े बदलाव के लिए तैयार रहें. तो क्या वो नये साल के असवर पर सत्ता से खुद को दूर करने का मन तो नहीं बना रहे हैं, क्या राजस्थान की राजनीति में पायलट का दौर शुरू होने वाला है. आइए, हम आपको बताते हैं उन्होंने अपने ​ट्वीट में क्या संदेश देने की कोशिश की है. उनकी ट्वीट की भाषा को पढ़कर आप खुद जान जाएंगे कि वो क्या कहना चाहते हैं?

गहलोत का संकेत, अब युवा नेता ही संभालें कमान
दरअसल, अशोक गहलोत राजस्थान के ही नहीं, देश के भी अनुभवी राजनीतिज्ञ हैं. उनके जैसा राजनेता वर्तमान में देश के बहुत कम हैं. वह तीसरी बार सीएम बनने के बाद से ही कांग्रेस की राजनीति के उस मोड़ पर हैं जहां से पार्टी की राजनीति युवा पीढ़ी के हाथों में शिफ्ट होने के करीब है. सचिन पायलट इस बात पर तभी से जोड़ दे रहे हैं. पायलट से गहलोत का सियासी रार भी उसी का प्रतीक है. इस बीच राहुल गांधी की भारत यात्रा के दौरान भी दोनों के बीच सियासी उठापटक का सिलसिला जारी रहा। गहलोत गुट ने 25 सितंबर को बगावत का बिगुल भी फूंक दिया था.हालांकि, मामले को थामने के लिए गहलोत दिल्ली पहुंचे और सोनिया गांधी मुलाकात कर माफी भी मांगी थी, उस समय जो कुछ हुआ उसे सियासी मजबूरी बताकर उन्होंने मामले को वहीं समाप्त कर दिया था. उसके बाद उनके तीनों समर्थक बागी नेताओं ने भी सफाई पेश करते हुए माफी मांगी थी. उसके बाद भी सीएम बदलने की बात पर पायलट गुट अड़ा था. राजस्थान के तत्कालीन प्रभारी अजय माकन ने अपने पद से इस्तीफा भी इसी को मुद्दा बनाते हुए दिया था.

अलवर सर्किट हाउस इफेक्ट!
इसके बाद राजस्थान में राहुल गांधी की भारत जोड़ों यात्रा के दौरान भी सचिन पायलट हावी रहे. राजस्थान में यात्रा के अंतिम दिन राहुल गांधी ने अशोक गहलोत और सचिन पायलट से अलवर सर्किट हाउस में गुप्त मंत्रणा की थी. तीनों के बीच क्या बातचीत हुई, ये तो सामने नहीं आई, लेकिन तभी से माना जा रहा था कि अशोक गहलोत अब कुर्सी छोड़ देंगे. राहुल गांधी ने गुप्त मंत्रणा के बाद बाहर आते ही कहा था कि कांग्रेस और राजस्थान में सबकुछ ठीक है। उसके बाद से अशोक गहलोत का रुख बदला हुआ है. पिछले कुछ दिनों से वो गंभीर दिखाई दे रहे थे। आज उन्होंने अचानक ट्वीटकर अपनी मंशा भी जाहिर दी है कि वो बदलाव के लिए पूरे मन से तैयार हैं.

जनता, आलाकमान और सहयोगी…का जिक्र क्यों?
अपने ताजा ट्वीट में सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि जिस तरह से भावुक उद्गार व्य​क्त किया है, उससे साफ कि वो प्रदेश में सभी समुदाय, जाति, धर्म, संप्रदाय, वर्ग के हित में अपना काम करना चाहते हैं. उन्होंने अपने बैक टू बैक टू में कहा कि मेरी जाति सैनी, तेली और कुशवाहा कहलाती है, अगर 36 कौमों के लोग मुझे प्यार नहीं करते तो मैं कैसे तीन-तीन बार प्रदेश का सीएम बनता, इंदिरा, राजीव जी, नरसिम्हा राव जी की सरकार में केंद्रीय मंत्री रहा. ये सब जनता प्यार, आलाकमान का भरोसा और साथियों का सहयोग ही तो है.

उन्होंने कहाकि इसलिए, मैं बिना किसी भेदभाव के सबके लिए काम करना चाहता हूं. गहलोत ने गांधी जी के व्यवस्था के अंतिम पायदान खड़े व्यक्ति के कल्याण की धारणा का जिक्र करते हुए लिखा है – गांधी जी ने कहा…था, उसी ढंग से मेरा प्रयास रहेगा कि राजस्थान के हर गरीब के आंसू पोंछूं, चाहे वो कोई कौम का हो, कोई धर्म का हो, चाहे कोई भी हों। मेरा फर्ज बनता है कि मैं राजस्थान में वो सुशासन दूं जिससे सबका भला हो और राजस्थान का विकास हो.अंतिम सांस तक लोगों की सेवा का संकल्प
गहलोत ने कहा कि तीन बार एआईसीसी का महामंत्री और 3 बार मुख्यमंत्री, इतना विश्वास मुझ पर हाईकमान कर रहे हैं, इसलिए कर रहे हैं कि राजस्थान के लोगों का प्यार, दुलार, आशीर्वाद मेरे साथ है. मैंने अंतिम सांस तक लोगों की सेवा का संकल्प ले रखा है. मेरा सेवा करने का संकल्प है कि सेवा ही कर्म है, सेवा ही धर्म है। गहलोत ने इस बात का भी जिक्र किया है कि मुझसे बड़ा सौभाग्यशाली व्यक्ति कोई हो सकता है क्या, जिसको जनता ने इतना प्यार दिया, हाईकमान ने विश्वास किया, मैं इंदिरा गांधी जी की सरकार में मंत्री था, राजीव जी की सरकार में मंत्री रहा. नरसिम्हा राव जी की सरकार में मंत्री रहा, 3 बार केंद्रीय मंत्री, 3 बार प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष रहा.

जातियों के आधार पर कोई सीएम नहीं बनता
सीएम गहलोत ने कहा कि आज मैं मुख्यमंत्री हूं. मैं चाहता हूं कि हर कौम की सेवा करूं, चाहे वो जाट हों, गुर्जर हों, राजपूत हों, कुशवाहा हों, जाटव हों, ब्राह्मण हों, बनिया हों, मीणा हों, जो भी कौम के लोग हैं, कोई भी हों, क्योंकि मैं इस बात को जानता हूं कि जातियों के आधार कोई मुख्यमंत्री नहीं बनते हैं. भाग्यशाली हूं, लोगों ने मुझे 3-3 बार सीएम बनाया
सीएम ने कहा कि मैं जानता हूं कि आज मैं मुख्यमंत्री हूं, अगर छत्तीसों कौम मुझसे प्यार नहीं करतीं, मुझे आशीर्वाद नहीं देतीं, तो मुझे कैसे मुख्यमंत्री बनाया जाता. वो भी 3-3 बार. सबसे बड़ी बात ये है कि मेरी जाति सैनी कहलाती है, कुशवाहा कहलाती है, माली कहलाती है. मेरी जाति का एक ही एमएलए है असेंबली के अंदर. एक ही है और वो मैं खुद ही हूं.. मैं कई बार सोचता रहता हूं खुद भी कि मैं कितना लकी व्यक्ति हूं, कितना सौभाग्यशाली हूं कि राजस्थान की जनता ने मुझे, मेरी कौम का 1 एमएलए मैं खुद ही हूं, तब भी आप लोगों ने मुझे 3-3 बार मुख्यमंत्री बनाया है.

Author