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बीकानेर,राजस्थान के ग्रामीणों के लिए घर में पानी का नल होना आज भी दिवास्वप्न जैसा है। क्योंकि प्रदेश के 105.78 लाख ग्रामीण परिवारों में से केवल 31.44 लाख (29.72%) परिवारों के घरों में नल है।जबकि, 75 प्रतिशत घरों में अभी भी नल के पानी का इंतजार है। वे अन्य जल स्रोतों पर निर्भर हैं। मजे की बात यह है कि केंद्र सरकार की हर घर में नल लगाने की अहम परियोजना जल जीवन मिशन साढ़े तीन साल में कोई जादू नहीं कर पाई। देश के अन्य राज्यों की तुलना में हमारा राज्य निचले पायदान पर है। हाल ही में जल शक्ति राज्य मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने चित्तौडग़ढ़ के सांसद सीपी जोशी के सवाल पर लिखित में यह जानकारी दी. इसमें राज्य में जल जीवन मिशन की यह तस्वीर सामने आई है।

साढ़े तीन साल : 11 जिलों को सिर्फ पासिंग मार्क्स
जल जीवन मिशन की प्रगति पर नजर डालें तो 33 जिलों में से 11 जिले केवल उत्तीर्ण अंक ही प्राप्त कर सके। 21 जिले ऐसे हैं जो पूरी तरह फेल साबित हुए। यह रिजल्ट भी एक साल का नहीं, बल्कि तीन साल का है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, कैलाश चौधरी और अर्जुन राम मेघवाल के जिले भी घर-घर नल कनेक्शन देने में नाकाम रहे हैं।

राजनीति के आरोप
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्रसिंह शेखावत भी राज्य सरकार पर जल जीवन मिशन को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाते रहे हैं. शेखावत का यह भी कहना है कि राज्य सरकार जानबूझकर इस केंद्रीय योजना को गंभीरता से नहीं ले रही है।

केंद्रीय मंत्रियों के जिलों की तस्वीर
ओम बिरला (अध्यक्ष)- कोटा : 1.71 – 21.07 गजेंद्र सिंह शेखावत – जोधपुर : 4.24 – 28.43
अश्विनी वैष्णव – पाली : 3.90 -44.00 कैलाश चौधरी – बाड़मेर : 4.47 – 15.12
अर्जुन मेघवाल – बीकानेर : 2.69 – 30.29 (मंत्री का नाम, जिला, कुल ग्रामीण परिवार एवं नल कनेक्शन प्रतिशत)

जिला : कुल ग्रामीण परिवार : नल कनेक्शन : प्रतिशत
अजमेर 3.29 – 1.06 – 32.37
अलवर 5.77 – 1.22 – 21.19 बांसवाड़ा 3.36 – 0.43 -12.77
बारां 2.28 – 0.48 – 21.23 बाड़मेर 4.47 – 0.68 -15.12
भरतपुर 4.06 – 0.54 -13.42 भीलवाड़ा 4.39 – 1.93 – 43.94
बीकानेर 2.69 – 0.81 – 30.29 बूंदी 1.93 – 0.58 – 30.23

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