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बीकानेर रोड स्थित 60 साल पुराने करणी माता मंदिर को 14 दिसंबर को जोधपुर हाई कोर्ट द्वारा हुए तोड़ने के आदेश के बाद पूरे शहर के श्रद्धालुओं में आक्रोश देखा जा रहा था.

मंदिर बचाने को लेकर श्रद्धालुओं की ओर से कई बैठकों का आयोजन किया गया और हर बैठक में निर्णय यहीं हुआ कि किसी भी हालत में मंदिर की 1 ईंट तक को नहीं हटाने देंगे. वहीं 14 दिसंबर को जोधपुर हाईकोर्ट ने चूरू जिला कलेक्टर को आदेश दिए थे कि 4 जनवरी 2023 से पहले इस मंदिर को तोड़कर हाई कोर्ट में रिपोर्ट पेश की जाए, जिसके बाद चूरू जिला कलेक्टर सिद्धार्थ सिहाग, सरदारशहर उपखंड अधिकारी बृजेंद्रसिंह सहित ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों ने मंदिर का मौका मुआयना किया.

हजारों की संख्या में श्रद्धालु मंदिर पर एकत्रित हो गए

जैसे अधिकारी मंदिर का मौका मुआयना करने पहुंचे वैसे ही श्रद्धालुओं को लगा कि प्रशासन मंदिर तोड़ने की तैयारियां कर रहा है, जिसके बाद श्रद्धालु मंदिर को बचाने के लिए आगे आए और बड़ी संख्या में एकत्रित होकर कई बैठकों का भी आयोजन हुआ. फिर जब प्रशासन की ओर से सोमवार को मंदिर तोड़ने के आदेश जारी हुए तो यह खबर पूरे क्षेत्र में आग की तरह फैल गई और हर कोई इस मंदिर को बचाने के लिए प्रयास करने लगा. सोमवार सुबह 9 बजे से ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर पर इकट्ठे होने शुरू हुए और दोपहर 1 बजे तक हजारों की संख्या में श्रद्धालु मंदिर पर एकत्रित हो गए, और हर कोई यही कह रहा था कि चाहे कुछ भी हो जाए मंदिर को नहीं टूटने देंगे.

मंदिर 2 साल पुराना नहीं बल्कि 60 वर्ष पुराना

मंदिर परिसर में बड़ी संख्या में महिलाएं ओर युवतियां भी एकत्रित हो गई और भजन-कीर्तन करना शुरू कर दिया. समाजसेवी दीपूजैसन सरिया ने बताया कि शहर के मिलाप माली नाम के व्यक्ति द्वारा हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई और उस याचिका में कहा गया कि 2 वर्ष पूर्व इस मंदिर का निर्माण हुआ है, और गलत तथ्य पेश कर हाईकोर्ट से मंदिर तोड़ने के आदेश प्राप्त किए गए.

इस अवसर पर आरएलपी नेता लालचंदमुंड और आरएलपी तहसील अध्यक्ष सांवरमल जाखड़ ने कहा कि कुछ भूमाफिया द्वारा निजी स्वार्थ के चलते धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाने के लिए इस प्रकार का कुकृत्य किया गया है लेकिन हम अपने धार्मिक स्थान को बचाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे और प्रशासन से निवेदन करते हुए कहा कि पहले मामले की पूर्णतया जांच करें उसके बाद में आगे की कार्रवाई करें, क्योंकि यह मंदिर 2 साल पुराना नहीं बल्कि 60 वर्ष पुराना है.

मंदिर तोड़ने की कार्रवाई की जानी थी

सोमवार सुबह से ही धीरे-धीरे श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती गई और दोपहर 2 बजे तक हजारों की संख्या में श्रद्धालु मंदिर बचाने के लिए इकट्ठे हो गए. वहीं दोपहर 2 बजे तक प्रशासन की ओर से कोई भी कर्मचारी या अधिकारी मंदिर हटाने के लिए नहीं आया उसके बाद उपखंड अधिकारी बृजेंद्रसिंह और तहसीलदार मौके पर पहुंचे और वहां पर मौजूद श्रद्धालुओं से बात की. उपखंड अधिकारी बृजेंद्रसिंह ने बताया कि जोधपुर हाई कोर्ट द्वारा प्राप्त आदेशों के अनुसार आज सोमवार को 11 बजे प्रशासन की ओर से मंदिर तोड़ने की कार्रवाई की जानी थी, लेकिन यहां के गणमान्य नागरिक है वह बहुत ही समझदार है.

उन्होंने भी प्रशासन का सहयोग किया है यहां के लोगों ने आश्वासन दिया है कि हम हाईकोर्ट के निर्णय की पालना करेंगे, और जो रिव्यू पिटिशन लगाई गई है अगर उसका निर्णय भी इसके अनुरूप आता है तो हम हाईकोर्ट के फैसले के अनुसार प्रशासन को कार्रवाई करने देंगे और उन्होंने हाई कोर्ट के निर्णय के आदेश अनुसार मंदिर के टीनसेड हटाए हैं और कुछ टाइल्स भी हटा दिए हैं. इन्होंने भी आश्वासन दिया है कि हम हाईकोर्ट के आदेशों की पालना करेंगे, और इसी के अनुसार हम 4 जनवरी 2023 को रिपोर्ट बनाकर न्यायालय में पेश करेंगे.

सभी को संयम बरतने की गुजारिश

उन्होंने श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाओं को देखते हुए सभी को संयम बरतने की गुजारिश की और कहा जो भी होगा अच्छा होगा. इस अवसर पर उपखंड अधिकारी ने दीपू जैसनसरिया, एडवोकेट राजेंद्र राजपुरोहित, राजेंद्र सिंह छाजूसर, राजेंद्र भांभू, ललित जैसनसरिया, श्रीराम प्रजापत, दीपचद प्रजापत आदि लोगों से वार्ता की. उपखंड अधिकारी बृजेंद्रसिंह द्वारा हुई वार्ता के बाद सभी श्रद्धालु अपने घरों की ओर रवाना हुए. वहीं इस अवसर पर मौजूद बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने करणी माता के जयकारे लगाए.

इस अवसर पर समाजसेवी दीपू जैसनसरिया ने आए हुए सभी श्रद्धालुओं का आभार प्रकट करते हुए कहा कि आप सभी की वजह से यह मंदिर बच पाया है और प्रशासन द्वारा अगर आगे किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई की जाती है तो आपको तुरंत सूचना दी जाएगी. उम्मीद है कि आप सभी इसी प्रकार मंदिर बचाने में अपना सहयोग करेंगे.

ये रहे मौजूद

इस मौके पर एडवोकेट राजेंद्र राजपुरोहित, दीपू जैसनसरिया, राजेंद्रसिंह छाजूसर, शिवदयाल पारीक, हरीसिंह देराजसर, भंवरसिंह भाटी, सुभाष जैसनसरिया, भवरलाल सारण, ललीत जैसनसरिया, समुद्रसिंह, अनूप सोनी, हंसराज ओझा, श्यामलाल सेवदा, शिवभगवान बागड़ी, परमेश्वर पारीक, दीपू जैसनसरिया, बीरबल माली, रोहिताश, बुलाकी शर्मा, सीताराम माली, मुकेश देरासरी, बाबूलाल, मोहनलाल, दीपचंद प्रजापत, रेवंतराम सहित बड़ी संख्या में सर्व समाज के लोग मौजूद रहे.

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