राजस्थान में आरपीएससी की ओर से सैकंड ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा का आयोजन हो रहा था.
शनिवार की सुबह जयपुर से लेकर जोधपुर और उदयपुर से लेकर जालोर सिरोही और बाड़मेर जैसलमेर तक तमाम जिलों में अभ्यर्थी परीक्षा सेंटरों पर पहुंच रहे थे. लेकिन इसी बीच खबर आती है कि पेपर लीक हो गया है. पेपर रद्द कर दिया गया है. कुछ ही मिनटों में टीवी चैनलों पर एक बस के वीडियो चलने लगे. यही वो बस थी जिसमें नकल गैंग और गैंग के लीडर थे.
तैयारी के वो 15 दिन
सीनियर टीचर भर्ती परीक्षा का मास्टरमाइंड सुरेश विश्नोई था. खुद सरकारी शिक्षक है. परीक्षा से करीब 15 दिन पहले नकल गिरोह खड़ा करने की तैयारी शुरु हुई. अभ्यर्थियों से संपर्क किया गया. ज्यादातर ऐसे अभ्यर्थी चुने गए जो किसी न किसी के पहचान में या फिर रिश्तेदार, दोस्त हो.सभी लोगों को पास कराने की 100 प्रतिशत गारंटी दी गई और दावा किया गया कि वो अब तक कई भर्ती परीक्षाओं में लोगों को पास करा चुका है. सभी लोगों से 5 से 15 लाख में डील तय हुई. करीब आधा पैमेंट एडवांस में लिया गया.
उदयपुर में हुआ पेपर सॉल्व
परीक्षा से एक दिन पहले यानि 23 दिसंबर को सभी अभ्यर्थियों को उदयपुर बुलाया गया. वहां पर रात भर बैठकर पेपर सॉल्व कराया गया. सुबह सभी लोगों को एक बस में बिठाकर जालोर रवाना हुए. इस बस पर फर्जी नंबर प्लेट लगाई गई. तीन लोगों को बस में पेपर सॉल्व कराने और प्रैक्टिस कराने के लिए बिठाया गया. बस में स्पीकर भी लगाए गए ताकि सभी लोगों को आसानी से आवाज मिल सके.
यहीं से बिगड़ने लगा खेल
बस में जिस तरह की पेपर सॉल्व की तैयारी चल रही थी. उससे बस के बाहर से कुछ लोगों को शक हुआ. पुलिस को इस बारे में सूचना दी गई. पुलिस ने बस का पीछा करना शुरु किया. तो पता चला कि बस के पीछे मुख्य आरोपी सुरेश विश्नोई की गाड़ी चल रही है. लेकिन पुलिस इस इंतजार में थी कि कंफर्म किया जाए. उसके बाद ही कोई कार्रवाई.
चाय की दुकान पर ठहरे
उदयपुर से सिरोही आते समय रास्ते में सिरोही में एक चाय की दुकान पर बस रुकती है. यहां एक साथ 40 चाय का ऑर्डर दिया जाता है. उस समय पुलिस भी सादी वर्दी में वहां मौजूद थी. पुलिस को ये बात कंफर्म हो गई कि ये सभी 40 लोग एक ही दल में है तभी 40 चाय का एक साथ ऑर्डर दिया गया है. इधर पुलिस ने बस को एस्कॉर्ट कर रहे मुख्य आरोपी को पकड़ लिया. तो उसने पूरा राज उगल दिया.
राजस्थान लोकसेवा आयोग की ओर से आयोजित हो रही सीनियर शिक्षक भर्ती परीक्षा में पकड़े गए 44 लोगों में 7 महिलाएं भी थी. इसके अलावा बस से कई कागजात और प्रिंटर मशीन भी बरामद हुई. मुख्य आरोपी सुरेश विश्नोई जालोर में स्कूल का प्रिंसिपल है. बस को वापिस उदयपुर ले जाया गया. इधर जयपुर से लेकर अजमेर तक सियासी बयानबाजी भी तेज हो गई. इसी बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी ट्वीट कर इस पेपर को रद्द करने का ऐलान किया.