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बीकानेर,मोनोलिस मर्डर मिस्ट्री को सुलझाने में जुटी पुलिस अभी तक यह खुलासा नहीं की कर पायी है कि उसका कत्ल कैसे किया गया। हालांकि पुलिस ने यह तो खुलासा कर दिया है कि मुख्य आरोपी भवानी ङ्क्षसह ने दो साल पहले जयपुर के बगरू में मोनोलिसा चौधरी को मौत के घाट उतार कर उसके शव का अंतिम संस्कार कर सबूत मिटा दिये। सबूत मिटाने में भवानी सिंह के दोस्त जितेन्द्र शर्मा और उसकी पत्नि सोनिका शर्मा भी शामिल रही। इसके अलावा मोनोलिसा का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के आरोप में प्रोपर्टी डीलर मुकेश धोलपुरिया और वकील नवल धवल को भी हिरासत में लिया जा चुका है। पुलिस उस मौका स्थल का मुआयना भी कर चुकी है जहां दो साल पहले भवानी सिंह ने मोनोलिसा की हत्या की थी। बड़ा सवाल यह है कि मोनोलिसा मोनोलिसा को जहर देकर मारा या गला घोंट के यह भी तक खुलासा नहीं हुआ है। बताया जाता है हत्याकांड के आरोप में रिमांड पर चल रहा मुख्य आरोपी भवानी सिंह पुलिस को हत्या की असली हकीकत बताने के बजाय झुठी कहानियों में उलझा रहा है। ऐसे में पुलिस अभी तक यह खुलासा नहीं कर पायी है कि मोनोलिसा की हत्या कैसे की गई थी। इस हत्याकांड में एक चौंकाने वाली बात यह भी सामने आई है कि मोनोलिस की हत्या के समय वह आठ माह की गर्भवति थी। इधर मृतक के पिता स्वप्न चौधरी का कहना है कि मेरी बेटी की हत्या एक बड़ी साजिश के तहत की गई है और इस साजिश में भवानी ङ्क्षसह शेखावत के साथ रविन्द्र रामपुरिया,उसका बेटा चिराग रामपुरिया,जसंवत जाट समेत एक अन्य जना शामिल है। जो मुझे डरा धमका कर मामला दबाने में जुटे हुए है। वहीं मामले की जांच कर रहे एएसपी सिटी अमित बुढ़ानिया का कहना है कि प्रकरण दो साल पुराना होने के कारण गहनता से जांच पड़ताल कर कड़ी से कड़ी जोड़ी जा रही है। अगर इस प्रकरण में नामजद आरोपियों की भूमिका साबित हुई तो उन्हे भी गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे पहुंचाया जायेगा। जानकारी में रहे कि कोरोना आपदा काल में दो साल पहले कोरोनाकाल में मोनालिसा की जयपुर में मौत हो गई थी। उसके परिजनों ने पुलिस अधीक्षक व संबंधित थाना पुलिस को मामला दर्ज करने के लिए परिवाद दिया, लेकिन पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की। इस पर मोनालिसा के परिजनों ने पुलिस महानिदेशक से मिलकर न्याय की गुहार लगाई। तब 21 नवंबर, 22 को यह मामला सदर थाने में दर्ज हुआ था। रिपोर्ट में जयपुर रोड स्थित करोड़ों की जमीन हड़पने के लिए मोनालिया की साजिशन हत्या करने का भवानीसिंह, रविन्द्र रामपुरिया, चिराग रामपुरिया, जसवंत जाट व एक अन्य पर आरोप लगा
-नगर निगम के कार्मिकों की भूमिका भी संदिग्ध
मोनोलिसा की मौत का झूठा प्रमाण पत्र बनाने के मामले में नगर निगम की जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र शाखा के कार्मिक भी पुलिस की रडार में आ गये है। जानकारी में रहे कि मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने की गाइड लाईन के अनुसार जहां मृत्य होती है वहीं प्रमाण पत्र बनाया जा सकता है। जबकि मोनोलिसा की मौत जयपुर के बगरू में हुई थी फिर भी उसका मृत्यु प्रमाण पत्र बीकानेर नगर निगम में कैसे बन गया इसे लेकर गंभीरत से जांच चल रही है। इस मामले में पुलिस ने जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र शाखा प्रभारी को पूछताछ के लिये तलब किया है।

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