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बीकानेर,राष्ट्रीय गणित दिवस के अवसर पर इंजीनियरिंग कॉलेज में एक कार्यशाला आयोजित हुई। इस कार्यशाला में एक डॉक्यूमेंट्री के माध्यम से छात्र गोपाल सिंह और जतिन ने रामानुजन के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि विगत 2012 से प्रतिवर्ष 22 दिसम्बर को राष्ट्रीय गणित दिवस का आयोजन प्रारम्भ हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डूंगर कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर गणितज्ञ डॉ शशिकांत ने कहा कि गणित हमें विरासत में मिली हुई एक परंपरा है, वैदिक गणित के क्षेत्र में बहुत काम हो सकता है। भारत अपने दर्शन और अध्यात्म के सहारे विश्व में अपना स्थान बना रहा है। रामानुजन ने मोक थीटा फंक्शन तथा इन्फिनिटी सीरीज पर अद्वितीय कार्य किया। उन्होंने कहा रामानुजन के द्वारा बताए गए सूत्रों का उपयोग जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में होता है।

इसके बाद कार्यशाला के संयोजक डॉ अमित सोनी ने वैदिक गणित विषय पर छात्रों को कुछ महत्वपूर्ण सूत्रों को अभ्यास करवाया। इस अवसर पर गणितज्ञ श्री विजय मांकड़ और श्री संजय इस्सर भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में डॉ राधा माथुर ने आये हुए सभी अतिथियों और छात्रों का धन्यवाद ज्ञापित किया। मंच संचालन कोमल बरडिया और पंकज अग्रवाल ने किया।

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