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बीकानेर,राजनीति अब पूरा मैनेजमेंट हो गया है। अगर आप राजनीति करते हैं तो जरूरी नहीं है मुद्दों या जनता के हितों की बात करें। इसके बिना भी जनता के बीच आपकी नेता के रूप में पहचान हो जाएगी। किस नेता से निकटता दर्शाने से आपको क्या फायदा है! समाज, राजनीतिक दल और व्यवस्था में आपकी मौजूदगी कितनी बन सकती है। इसका आकलन करके नेता जी के जन्म दिन की शुभकामनाओं का आपके फोटो के साथ इश्तहार पर पैसा खर्च करें या बड़ा सा नेता जी के साथ होर्डिंग लगाए हो गया आपका काम। समझो पोस्टर, इश्तहार और होर्डिंग के साथ आपकी पहचान हो जाएगी भले ही जनहित जाए भाड़ में। केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के जन्म दिवस पर उनके स्वस्थ जीवन, दीर्घायु की शुभ कामनाओं के विज्ञापन भी छपे हैं होर्डिंग्स भी लगाए गए हैं। केंद्रीय मंत्री हमारे देश की संपदा है। वे जितना कर सकते उतना देश और समाज के लिए कर रहे हैं। लोकतंत्र में उनकी भूमिका सकारात्मक हैं। राजनीतिक नुक्ताचीनी दीगर बात है। वे देश सेवा तो कर ही रहे हैं। वे स्वस्थ रहे दीर्घायु हो यह हर कोई चाहता है। इस भावना को विज्ञापनों, होर्डिंग्स के माध्यम से भुनाने से तो परहेज करना ही चाहिए। यह मंगल कामनाएं तो हृदय का भाव है। जनता में मंगल कामनाओं के नाम पर प्रचार पाना बड़ा पॉलिटिकल मेंनेजमेंट क्या हास्यास्पद नहीं लगता। ऐसा करने वाले जन्म दिन की शुभकामनाएं दे रहे हैं या खुद प्रचार पा रहे हैं? यह कोई अर्जुन राम मेघवाल के जन्म दिवस पर मंगल कामनाएं देने की बात नहीं है, बल्कि नेताओं की आम मनोवृति पर सवाल है। कोई पार्टी का छुट्टभैया आमतौर पर अपनी राजनीतिक पहचान बनाने या राजनीतिक रोटियां सेकने के लिए यही सुगम रास्ता अख्तियार करता है। चूंकि ये सब पैसे से आसानी से हो जाता है योग्यता मात्र पैसा खर्च करने का सामर्थ्य होना है तो हर आर्थिक रूप से संपन्न यही करता है। ऐसे लोग मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों, प्रधानमंत्री के साथ होर्डिग पोस्टर या विज्ञापन में अपना फोटो लगाकर राजनीति के अपने हल्के में सिरमौर बने फिरते हैं। ऐसे नेताओं को कोन समझाए कि राजनीति जनहित के मुद्दों पर होनी चाहिए। शायद मुद्दों की राजनीति के अलावा अब राजनीति करना मैनेजमेंट ही रह गया है।

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