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बीकानेर,राजस्थान प्रदेश के इंजीनियरिंग छात्रों की रचनात्मकउद्यमशीलताकौशल को विकसित करने एवं उनकी कल्पना और आइडियाज को मूर्त रूप देने के लिए हाल ही बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय अतुल कोठारीराष्ट्रीय सचिव शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के मुख्य आतिथ्य में आइडियालैब की एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन हुआजिसके मुख्य वक्ता डॉ. संदीप अनासाने,सदस्यआइडिया लैब राष्ट्रीय सलाहकार समिति थे जनसंपर्क अधिकारी विक्रम राठौड़ ने बताया कि अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के सहयोग से बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय द्वारा आइडिया IDEA (आइडिया डेवलपमेंट इवैल्यूएशन एंड एप्लीकेश) लैब की स्थापना की गई हैंजिसके परियोजना समन्वयक डॉ धर्मेद्र यादव है। यह प्रदेश का प्रथम तकनीकी विश्वविद्यालय है जो विद्यार्थी के आइडियाज को नवाचार के साथ जोड़ने जा रहा है। विश्वविद्यालय द्वारा शुरू किया गया एक अभिनव कार्यक्रम है। जो आइडिया से प्रोटोटाइप चरण तक जाने में मदद करता है। इस प्रकारआइडियालैब एक प्रौद्योगिकी इनक्यूबेटर‘ के रूप में कार्य करता है जिसका उद्देश्य अच्छी तकनीकी योग्यता के साथ संभावित विचारों का समर्थन करना है। छात्रों को विज्ञानप्रौद्योगिकी और इंजीनियरिंग के बुनियादी सिद्धांतों को समझाने और प्रयोग करके व्यवहारिक अनुभव प्राप्त करने के उद्देश्य से आईडिया लैब की स्थापना की गई है।

कुलपति प्रो. अम्बरीष शरण विद्यार्थी द्वारा दीप प्रज्वलन एवं अतिथियों का स्वागत संबोधन कर कार्यक्रम की शुरुवात की गई। अपने स्वागत संबोधन में प्रो. विद्यार्थी ने कहा कि बीटीयू प्रदेश का प्रथम तकनीकी विश्वविद्यालय है जहां एआईसीटीई प्रायोजित आईडिया लैब की स्थपाना हुई है। इसकी स्थापना का मुख्य उद्देश्य युवाओं को ऐसा कौशल प्रदान करना और उन्हें उस प्रौद्योगिकी तक की पहुँच प्रदान करना है जो उन्हें समाधान प्रस्तुत करने में वैज्ञानिक रूप से सक्षम और सजग बनाएगी। आइडिया लैब के माध्यम से ऐसे असंख्य युवा अन्वेषकों को तैयार करने में मदद मिलेगीजो आने वाले समय में युवा उद्यमियों के रूप में विकसित होंगे और भारत का अभूतपूर्व विकास सुनिश्चित करेंगे। तकनीकी संस्थानों में पढ़ रहे विद्यार्थियों के कौशल विकास में इस आइडिया लैब की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।के छात्रछात्राएं भी कर सकेंगेताकि वे सर्वांगीण विकास में अपनी महत्वपूर्ण भागीदारी निभा सकें। इसके लिए उन्हें टेक्निकल स्पोर्ट भी मुहैया कराया जाएगा। इसके लिए संस्थान इंडस्ट्री और एल्युमिनाई का सहारा लेगा। इसमें इंडस्ट्री का पार्टिसिपेशन रहने से हम उनकी भी प्रॉब्लम पर भी काम कर सकेंगे और उनका हल ढूंढने का प्रयास करेंगे। हमारे ऋषि मुनि उन्नत वैज्ञानिक तथा इंजीनियर रहें हैं। उनका ज्ञान न केवल स्थानीय बल्कि वैश्विक समस्याओं के समाधान के लिये बना है। प्रत्येक मानव प्रकृति की ईकाई के साथ सह-अस्तित्व के रूप में है।

मुख्य अतिथि अतुल कोठारी ने कार्यशाला के प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय ज्ञान परम्परा सदैव उन्नत रही है जिसको विश्वविद्यालय के माध्यम से तकनीकी विद्यार्थियों के बीच लाना चाहिये तथा उन्नत तकनीकी भारतीय ज्ञान के माध्यम से स्थानीय समस्याओं को चिन्हित करके समाधान करने के लिये विद्यार्थियों को प्रेरित करना चाहिये। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा निति 2020 में स्वावलम्बन तथा स्वायत्तता के बारे में बताया तथा वोकल फोर लोकल पर जोर देते हुए स्थानीय रोजगार का सृजन करने का आह्वान मंच के माध्यम से किया। हमें विद्यार्थियों के रचनात्मक कौशल को बढ़ावा देना होगा। आईडिया लैब नए युग की शिक्षा की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए छात्रों और शिक्षकों को “जुड़ने, तलाशने, अनुभव करने, व्यक्त करने और उत्कृष्टता प्राप्त करने” के लिए सशक्त बनाने का काम करेगी। इस सम्पन्न प्रयोगशाला एवं विकसित सुविधाओं का उपयोग दूरस्थ अंचल के छात्र-छात्राएं भी कर सकेंगे, ताकि वे सर्वांगीण विकास में अपनी महत्वपूर्ण भागीदारी निभा सकें।

विद्यार्थियों हेतु आयोजित इस तरह के प्रशिक्षण सत्रों और कार्यशालाओं की एक श्रृंखला तकनीकी शिक्षा के विकास को नया दृष्टिकोण प्रदान करता हैं। तकनीकी शिक्षा में अनुभवात्मक शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु “आइडिया लैब उत्कृष्ट और महत्वपूर्ण लैब है जो की युवा नवोन्मेषकों और उद्यमियों के लिए सुनहरा अवसर साबित होगा। इंजीनियरिंग कॉलेजों में इन आईडिया लैब्स की स्थापना राज्य के नवाचार का पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करेगा। आईडिया लैब का उद्देश्य शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में “बहुविषयक शिक्षा और अनुसंधान” पर जोर देने के लिए प्रोत्साहित करना भी है।

मुख्य वक्ता संदीप अनासाने ने कार्यशाला के प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि  विज्ञान तकनीकी अभियांत्रिकी और गणित के सिद्धान्तों का विज्युलाईजेशन करके विद्यार्थी कार्य कर सके। यह लैब विद्यार्थियों को नये युग का ज्ञान प्रदान करने और समय के अनुसार चलने के लिये विद्यार्थियों को अपना अनुभव और स्वयं की अभिव्यक्ति को ठीक करना होगा। क्योंकि इकस्सवीं सदी स्किल पर आधारित ज्ञान प्रदान करने के लिये बनीं हैं। यह लैब इन सभी विचारों के लिये एक प्लेटफार्म उपलब्ध करवाती है तथा समस्याओं का प्रोजेक्ट तथा इन्टर्नशिप के लिये भी स्थान उपलब्ध करवाती है। इसकी स्थापना विद्यार्थिओं को विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग के मूल सिद्धांतों के अनुप्रयोग के लिए प्रोत्साहित करेगी, ताकि वे व्यावहारिक अनुभव करके सीखने और उत्पाद की कल्पना पर कार्य कर सकें। इस लैब की स्थापना से छात्रों को रिसर्च एवं इनोवेशन के लिए बेहतरीन सुविधाएं उपलब्ध होंगी।

मंचासीन अतिथि डॉ. ए. के. साहू निदेशकउष्ट्र अनुसंधान ने उंटो के सार-सम्भाल के लिये प्रयोग में लाई गयी तकनीक के बारे में बताया तथा संस्कृति में तकनीकी ज्ञान के समावेश के बारे में विचार व्यक्त किये। राजकीय डूंगर महाविद्यालय के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ रविन्द्र मंगल ने भौतिकी विज्ञान को व्यक्तिगत जीवन में जीने के लिये प्रेरित किया तथा उन्होने बताया कि विद्यार्थियों के चिन्तन को जाग्रत करके समाधान प्रेरित कार्य करना चाहिये। कार्यक्रम के संयोजक डॉ धमेन्द्र यादव ने बताया कि इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के सभी संघटक महाविद्यालयों से उनके प्राचार्य एवं शिक्षकों ने भागीदारी की तथा मंच संचालन डॉ अल्का स्वामी ने किया। इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिये श्रीमति नीरज चौधरी तथा अन्य विद्यार्थियों ने सहयोग किया तथा कार्यक्रम के अन्त में श्री अभिषेक पुरोहित ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर आयोजन समिति के डॉ राकेश कुमार ओझा, नबल सिंह,साकेत जांगिड़, महेश मेहरा, मदनलाल, नीरज चौधरी भी उपस्थित रहे।

परियोजना समन्वयक डॉ धर्मेद्र यादव ने कहा कि स्व-रोज़गार और प्रतिभा उपयोग समेत अटल ‘आइडिया-लैब’नवाचार और उद्यमशीलता की संस्कृति को बढ़ावा देने के संदर्भ में अखिल बीकानेर तकनीकी विश्विद्यालय का  का एक महत्त्वपूर्ण प्रयास है।  इसका उद्देश्य नवीन नवाचार केंद्र, वृहद चुनौतियों, स्टार्ट-अप व्यवसायों और अन्य स्व-रोज़गार गतिविधियों, विशेषकर प्रौद्योगिकी आधारित क्षेत्रों को बढ़ावा देने के लिये एक मंच के रूप में सेवा प्रदान करना है।

विश्वविद्यालय के विद्यर्थियो को नवाचार से जोड़ने एवं नए-नए आइडिया को मूर्त देने के लिए सम्बद्ध महाविद्यालय के छात्र एवं छात्राओं को अत्याधुनिक नई तकनीक एवं उच्च तकनीक से संबंधित नवाचार करने के कई और अवसर प्रदान किए जाएंगे नवाचारों को पेटेंट भी विश्वविद्यालय स्तर पर मुहैया करवाया जाएगा। आइडिया लैब स्कीम के तहत छात्रों को विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित किया जाना है। साथ ही नयी शिक्षा नीति के तहत विद्यार्थियों को अप टू डेट रखना है। इससे नई शिक्षा नीति के अनुसार विद्यार्थियों को प्रेक्टिकल ज्ञान पर आधारित शिक्षा मिल सकेगी। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा हाल ही मिले प्रोजेक्ट आईडिया लैब से विश्वविद्यालय के छात्र एवं छात्राओं को तकनीक के माध्यम से खूब गतिविधियां सीखने को मिलेंगी।

जानिए आइडिया लैब के बारे में

आइडिया लैब राज्य में अपनी तरह की पहली लैब है। एआईसीटीई ने विशेष रूप से एआईसीटीई-अनुमोदित संस्थानों में आइडिया (आइडिया डेवलपमेंट, इवैल्यूएशन एंड एप्लीकेशन) लैब की स्थापना की है, ताकि छात्रों को विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित के बुनियादी सिद्धांतों का व्यवहारिक अनुभव हो। आईडिया लैब इंजीनियरिंग स्नातकों को अधिक कल्पनाशील और रचनात्मक रूप में ढालेगा। इसका उद्देश्य विद्यार्थियों के नवाचार को बढ़ावा देना एवं एक विचार को एक प्रोटोटाइप में बदलने के लिए एक छत के नीचे सभी सुविधाएं प्रदान करना हैं। इस लैब की स्थापना का उदेश्य विज्ञान, प्रौद्योगिकी और इंजीनियरिंग के मूल सिद्धांतों के अनुप्रयोग के लिए छात्रों को प्रोत्साहित करना, इंजीनियरिंग छात्रों को अधिक जिज्ञासु, कल्पनाशील और रचनात्मक बनाना हैं।

प्रतिभागियों के विचार : तनवीर सिंह गागा, सहायक प्राध्यापक, महावीर इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलोजी एंड साइंस, जाडन 

शिक्षको हेतु आयोजित यह कार्यशाला अवश्य ही फायदेमंद होगी, विद्यार्थिओं को विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग के बुनियादी सिद्धांतों को समझाने और प्रयोग करके व्यवहारिक अनुभव प्राप्त करने के उद्देश्य से बीटीयू की आईडिया लैब की स्थापना  शोध और अनुसन्धान की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। इस लैब की स्थापना से छात्रों को रिसर्च एवं इनोवेशन के लिए बेहतरीन सुविधाएं उपलब्ध होंगी और सुविधाओं का उपयोग दूरस्थ अंचल के छात्र-छात्राएं भी कर सकेंगे, ताकि वे सर्वांगीण विकास में अपनी महत्वपूर्ण भागीदारी निभा सकें।

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