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बीकानेर.छतरगढ़. महिला परिवादियों के दर्द को समझने के लिए थानों में स्थापित महिला डेस्क गायब है। हरेक थाने में कम से कम दस महिला कांस्टेबल होनी चाहिए, लेकिन ऐसा है नहीं। अफसोस, महिला सुरक्षा को लेकर बड़े-बडे दावे करने वाले पुलिस महकमे ने महिला थाने में भी पुरुष थानेदार को लगा रखा है। हैरत की बात है कि जिले के 28 थानों में महज 89 महिला पुलिसकर्मी तैनात हैं। वहीं बीकानेर रेंज में महज दो महिला पुलिस निरीक्षक एवं 26 महिला उप निरीक्षक तैनात हैं। दोनों पुलिस निरीक्षक फिल्ड में हैं, जबकि 11 महिला उपनिरीक्षक नॉनफील्ड तैनाती पर हैं। बीकानेर रेंज में पुलिस निरीक्षकों के 136 एवं उप निरीक्षकों के 281 पद स्वीकृत हैं, जिसमें से 81 पुलिस निरीक्षक एवं 186 उपनिरीक्षक मौजूद हैं।

महिला-पुरुष नफरी में बड़ा अंतर

राज्य पुलिस बल में महिलाओं के आरक्षण की व्यवस्था कर पुलिस में महिलाओं की संख्या बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। बीतें सालों की तमाम कोशिशों के बावजूद महिला व पुरुष नफरी में बड़ा अंतर दिख रहा है। हालांकि सरकार ने वर्ष 2009 में केन्द्रीय व राज्य पुलिस बल में स्वीकृत कुल पुलिस कर्मचारियों के पदों में 33 फीसदी पद महिला पुलिस कर्मचारियों से भरने के निर्देश दिए थे। वहीं दूसरी ओर गृह मंत्रालय की एडवाइजरी के मुताबिक, प्रत्येक थाने में कम से कम तीन महिला उप निरीक्षक और 10 महिला कांस्टेबल तैनात होनी चाहिए, लेकिन हो इसके उलट रहा है।

कई थानों में महिला कांस्टेबल ही नहीं

जिले के कई थानों में महिला कांस्टेबल तैनात ही नहीं हैं। जिले के छतरगढ़ थाने में महिला उप निरीक्षक से लेकर महिला कांस्टेबल तक नहीं हैं। ऐसे में महिलाओं के साथ होने वाली हिंसा और उत्पीड़न की घटनाओं का आंकड़ा दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। हैरान करने वाली स्थिति है कि अक्सर पुरुषों से ही प्रताड़ित होकर महिला थाने पहुंचने वाली महिला का वहां भी सामना पुरुष स्टाफ से ही होता है। जिले के 28 पुलिस थानों में महिला कांस्टेबल की संख्या सौ का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाई है।

सीएम की घोषणा कैसे होगी फलीभूत

मुख्यमंत्री की बजट घोषणा के मुताबिक फरवरी, 2023 से प्रदेश के सभी थानों की कमान पुलिस निरीक्षक स्तर के अधिकारियों को सौंपी जानी हैं। इस हिसाब से प्रदेश के 800 से अधिक पुलिस निरीक्षकों की आवश्यकता के मद्देनजर पदों को भरना है। इन पदों को भरने के लिए पुलिस मुख्यालय को उप निरीक्षकों की डीपीसी करानी चाहिए, जिसकी फिलहाल संभावना नजर नहीं आती।

यह कहते हैं नियम

थाने में महिला व बाल डेस्क होना जरूरी है। इस डेस्क का प्रभारी एएसआइ व एसआइ स्तर के अधिकारी होंगे, जबकि थानों में कांस्टेबल ही इस डेस्क का जिम्मा संभाल रहे हैं। यह डेस्क महज एक खानापूर्ति बन कर रह गई है।

यह हैं हालात

जिले में फील्ड पोस्टिंग में केवल एक महिला पुलिस अधिकारी हैं। उप पुलिस अधीक्षक शालिनी बजाज सदर सर्किल में डीवाइएसपी के पद पर तैनात हैं। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक किरण गोदारा पुलिस परामर्श केन्द्र, हाल ही में पदोन्नत एएसपी अंजुम कायल साइबर सेल में पदस्थापित हैं। इसके अलावा उप निरीक्षक सुषमा शेखावत जेएनवीसी, सिरकौर कोटगेट, सुशीला नयाशहर, मंजीत कौर महिला थाना, विजयश्री बिजली थाने में तैनात हैं, जो फील्ड पोस्टिंग में हैं। शेष सविता डाल एसपी ऑफिस, विशु वर्मा एसपी ऑफिस में पदस्थापित हैं। जिले में हाल ही में 12 उप निरीक्षक प्रोबेशन पर आए हैं, जिसमें से 4 महिला उप निरीक्षक हैं।

सीआइ-एसआइ की स्थिति

जिला पद सीआइ-एसआइ मौजूद फील्ड नॉनफील्ड

बीकानेर 47/93 31/47 16/30 15/17

श्रीगंगानगर 36/84 24/56 16/40 7/11

चूरू 28/46 10/35 7/24 3/6

हनुमानगढ़ 25/58 16/39 10/20 5/12

इनका कहना है…

अब महिलाएं पुलिस महकमे में पहले से ज्यादा आ रही हैं। फिर भी उस अनुपात में नहीं आ रहीं, जितने की जरूरत है। महिला पुलिस कर्मचारियों को योग्यतानुसार काम दिया जा रहा है। कई महिला पुलिस अधिकारी फील्ड में काम कर रही हैं। पुलिस महकमे में पुलिस कर्मचारियों की कमी है, इससे इनकार नहीं किया जा सकता। थानों में जरूरत के हिसाब से महिला कर्मचारी तैनात करते हैं।

ओमप्रकाश,बीकानेर रेंज पुलिस महानिरीक्षक।

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