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बीकानेर,जोधपुर गैस सिलेंडर विस्फोट मामले में 27 साल के एक शख्स की मौत हो गई.इसके साथ ही संख्या बढ़कर 34 हो गई है. इस बीच पूरा समाज अब भी मोर्चरी के बाहर जमा है.

मृतक परिजनों के लिए 20 लाख की डिमांड की जा रही है जबकि सरकार 17 लाख पर अड़ी है. इस बीच राहत पैकेज की मांग के साथ राजपूत समाज सड़क पर उतर आया है

जोधपुर. शेरगढ़ के भूंगरा में हुए हादसे के एक और घायल ने शनिवार रात इलाज के दौरान महात्मा गांधी अस्पताल में दम तोड़ दिया. अब मृतकों की संख्या 34 हो गई. अस्पताल की मोर्चरी में बीते 3 दिनों में दम तोड़ने वाले घायलों के शव रखे हुए हैं और मोर्चरी के बाहर समाज का धरना चल रहा है. संघर्ष समिति मृतकों के लिए विशेष पैकेज का मांग कर रही है. विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों ने एमजीएच मोर्चरी के बाहर रोड ब्लॉक को कर दिया है. साथ ही राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शनकारी जमकर नारेबाजी कर रहे हैं.

वहीं, सरकार द्वारा लगातार बातचीत के बाद भी सहमति नहीं जताने पर रविवार सुबह एक विरोध रैली का आयोजन किया जाएगा. जिसमें बड़ी संख्या में समाज के लोगों के पहुंचने की संभावना है. मृतक का नाम जेठ सिंह (पुत्र भूरसिंह) है. इस बीच इस हादसे में घायल हुए रावल राम पुत्र तेजाराम जिसे 14 दिसंबर को छुट्टी दी गई थी. उसकी तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर उसे शनिवार को फिर भर्ती किया गया है.

धुर विरोधी भी हुए एकजुट: शनिवार को देर शाम प्रशासन के साथ बातचीत विफल होने के बाद समाज के लोगों ने निर्णय लिया कि वे विरोध रैली निकालकर राज्यपाल के नाम ज्ञापन देंगे शेरगढ़ से कांग्रेस विधायक मीना कंवर के पति उमेद सिंह ने खुद मोर्चरी पर आकर कहा कि मैं जयपुर गया, मैंने मुख्यमंत्री से संपर्क किया. प्रशासन से लगातार बातचीत की लेकिन हमारी बात को नहीं माना गया है.

उन्होंने कहा कि अब मैं समाज के हर फैसले के साथ हूं. उमेद सिंह ने कहा कि हम सब पीड़ितों के साथ है. उमेद सिंह को लगातार तीन बार चुनाव हरा चुके वहां बैठे पूर्व विधायक बाबूसिंह का नाम लेकर उन्होंने कहा कि हम सब इस मसलें पर एक है और समाज की बेहतरी में साथ रहेंगे.

मांग पचास की,सरकार बीस लाख देने को भी तैयार नहीं: उमेद सिंह ने मोर्चरी में जमा समाज के लोगों से कहा कि हमने सरकार से प्रत्येक मृतक के परिजन 20 लाख  देने का प्रस्ताव रखा, लेकिन सरकार 17 लाख पर अड़ी हुई है. जिसके चलते बातचीत विफल हुई है. गौरतलब है कि इससे पहले संघर्ष समिति ने मृतक परिजनों के लिए 50 लाख देने की मांग रखी थी, लेकिन बाद में सहमति के आधार पर बीस लाख पर सहमति बनी. वहीं सरकार ने इसे भी नहीं माना.

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