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बीकानेर,राजकीय डूंगर महाविद्यालय बीकानेर के भूगर्भशास्त्र विभाग द्वारा भूजल विकास एवं प्रबन्धन विषयक एक दिवसीय कार्यशाला एवं प्रशिक्षण का आयोजन प्रताप सभागार में किया गया। विभागाध्यक्ष डॉ देवेश खण्डेलवाल ने बताया कि यह कार्यशाला केन्द्रीय भूजल बोर्ड जयपुर एवं राजीव गांधी राष्ट्रीय भूजल प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान रायपुर के संयुक्त तत्वाधान में किया गया।

कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में अपने उद्बोधन में प्राचार्य डॉ जी.पी. सिंह ने छात्रों को जल संरक्षण एवं प्राकृतिक संसाधनों के सदुपयोग का आह्वान किया। विशिष्ट अतिथि डॉ राकेश हर्ष सहायक निदेशक, कॉलेज शिक्षा ने अपने उद्बोधन प्रतिभागियों से भूजल पुनर्भरण विधियों को अपना पर जल स्तर में बढ़ावा देने की अपील की।
कार्यशाला के संयोजक डॉ देवाराम ने बताया कि उक्त आयोजन में दो तकनीकी सत्रों के दौरान 6 व्याख्यान हुए जिसमें प्रथम व्याख्यान में केन्द्रीय भूजल बोर्ड के वैज्ञानिक शशांक प्रताप सिंह ने जल भृत मानचित्रण और प्रबन्धन की आवश्यकता एवं सम्बन्धित गतिविधियों जैसे आंकड़ें संग्रहण, निर्माण एवं संकलित आंकड़ों के एकीकरण एवं भूजल प्रबन्धन पर विस्तृत जानकारियाँ दी। द्वितीय व्याख्यान में प्रीती पाण्डे(के.भू.क्षे) ने बीकानेर बेसिन की केस स्टडी पर व्याख्यान दिया।
तृतीय व्याख्यान में डॉ देवाराम ने परंपरागत जलस्त्रोंतों के संरक्षण एवं विधियों पर जानकारी दी।
जल गुणवता एवं रसायन की जानकारी प्रशाान्त श्रीवास वैज्ञानिक बी के.भूजल बोर्ड ,द्वारा दी गई।
आयोजन सचिव विजय मटोरिया ने बताया कि कार्यशाला में स्नातकोतर भूविज्ञान, भूगोल एवं रसायन शास्त्र तथा स्नातक भू-विज्ञान के 150 विधार्थियों एवं शोधार्थियों ने भाग लेकर सहभागिता की।
समापन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में अपने उद्बोधन में डॉ शिशिर शर्मा (पूर्व प्राचार्य)
महारानी सुदर्शना महाविद्यालय ने छात्रों को जलसंरक्षण एवं भूजल के एकीकृत अध्ययन पर जोर देने का आह्वान किया।
आयोजन सचिव प्रकाश गर्ग ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

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