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बीकानेर,राजस्थान की राजनीति में आनंदपाल और राजू ठेहठ जैसे गैंगस्टर की मजबूत पकड़ थी. दोनों की मौत हो चुकी है लेकिन इनके नाम पर पापला गुर्जर, अनुराधा और रोहित गोदारा सरकार और पुलिस को नचाने के लिए काफी है.

राजस्थान की राजनीति में आनंदपाल और राजू ठेहठ जैसे गैंगस्टर की मजबूत पकड़ थी. दोनों की मौत हो चुकी है लेकिन इनके नाम पर आज भी पापला गुर्जर, अनुराधा और रोहित गोदारा सरकार और पुलिस को नचाने के लिए काफी है. कहने का मतलब यह है कि राजस्थान में एक से बढ़कर एक गैंगस्टर्स हैं. कुछ का तो सीधे सरकार पर ही असर है तो कुछ से पुलिस परेशान है. इनसे सबमें आनंदपाल सिंह और राजू ठेहठ का नाम खास है. इन दोनों की मौत होने के बावजूद इनका नेटवर्क राजस्थान में आज भी सक्रिय है.

सरकार बदलने का दमखम रखते थे आनंदपाल और ठेहठ
राजस्थान पुलिस का आये दिन इनके गैंग के गुर्गों व सरदारों से सामना होता रहता है. पपला गुर्जर हो या अनुराधा और रोहित गोदारा ये सभी सरकार और पुलिस को ‘खूब नचा’ चुके हैं. आनंदपाल और राजू ठेहठ ने तो सरकार की चाल ही बदलने का काम किया है. आनंदपाल के एनकाउंटर ने तो वसुंधरा राजे की सरकार के लिए बड़ा संकट खड़ा कर दिया था.जानकार बताते हैं कि राजे सरकार को आनंदपाल एनकाउंटर का बड़ा नुकसान उठाना पड़ा था। वहीं अब राजू ठेहठ की हत्या का भी असर देखा जा रहा है.

वसुंधरा भी मानती थी आनंदपाल का लोहा
आनंदपाल सिंह के एनकाउंटर के बाद वसुंधरा राजे की सरकार को बड़ी मुश्किल का सामना करना पड़ा था. आनंदपाल राजस्थान के नागौर जिले की लाडनूं के गांव सांवराद निवासी था, लेकिन उसका असर पूरे राजस्थान पर था.आनंदपाल सिंह का 24 जून 2017 की रात एनकांउटर किया गया. इसके बाद से आनंदपाल का शव 3 हफ्तों तक डीप फ्रीजर में रखा रहा.सरकार के खिलाफ आंदोलन चलता रहा. करनी सेना ने राजस्थान के बाहर भी खूब आंदोलन किया. राजपूत समाज की नाराजगी इतनी बढ़ गई की सरकार मना नहीं पाई. किसी तरीके से सरकार ने आनंदपाल सिंह का अंतिम संस्कार किया लेकिन राजपूत बाहुल्य सीटों पर इसका नुकसान उठाना पड़ा. इस घटनाक्रम के बाद भाजपा सरकार की चाल बदल गई थी.

राजू ठेहठ का असर भी कम नहीं

गैंगस्टर राजू ठेहठ का भी असर दिखने लगा है। राजू ठेहठ की हत्या के बाद शेखावटी के जाट बेल्ट में इसका असर दिखा। सीकर, झुंझुन, हनुमानगढ़, नागौर, चूरू और गंगानगर जिले के कई विधान सभा सीटों पर राजू ठेहठ की हत्या का असर दिखा। जिस दिन हत्या हुई थी उस दिन जाटों के कई बड़े नेता और विधायक भी वहां पहुंच गए थे। 24 घंटे के अंदर सभी पांचों आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। सरकार पर दबाव इतना था कि सभी बड़े नेताओं ने सफाई भी दी थी. माना जा रहा है चूरू के सरदारशहर के उपचुनाव में कांग्रेस को बड़ा नुकसान भी हुआ है. राजू ठेहठ खुद चुनाव लड़ने की तैयारी में था. इसका असर सरकार की चाल बदलने पर पड़ सकती है.

अनुराधा ने थामा आनंदपाल का साम्राज्य तो पपला ने किया था ये चमत्कार
35 साल की लेडी डॉन अनुराधा ने भी सरकार को कम लेकिन पुलिस को खूब छकाया है. अनुराधा ने साल 2017 में आनंदपाल सिंह के एन्काउंटर के बाद से आनंदपाल गैंग की कमान संभाल ली है. इसके कई मामले सामने आये हैं.राजस्थान में कोई भी गैंगवार हुआ तो उसमें अनुराधा का नाम सामने आया है. वहीं गैंगस्टर पपला गुर्जर उर्फ विक्रम गुर्जर ने भी सरकार के नाक में दम कर दिया था. पुलिस भी हताश हो गई थी. सबसे बड़ी घटना तब घटी जब अलवर के बहरोड़ पुलिस थाने से 6 सितम्बर 2019 को उसके साथियों ने एके-47 से अंधाधुंध फायरिंग की और पपला को लॉकअप से छुड़ाकर ले गए थे. महाराष्ट्र के कोल्हापुर से गिरफ्तार किया गया था. पपला गुर्जर हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के खैरोली गांव का है। लेकिन उसने राजस्थान में अपना दम दिखाया था. कई मामलों में उसका नाम शामिल था.

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