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कानेर न्यूज डेस्क, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा उसना राइस मिल को खरीफ विपणन 2022-2023 में प्राथमिकता देने के बिहार सरकार के आदेश ने अरवा राइस मिल मालिकों को भारी परेशानी में डाल दिया है.

रोहतास जिले में उसके राइस मिलरों को चावल देने के लिए टैग किया जा रहा है। जिले में पैक्स के माध्यम से करीब 15 मील की टैगिंग की जा चुकी है। पीडीएस के माध्यम से लाभार्थियों तक पहुंचने के लिए धान की खरीद से लेकर चावल तैयार करने तक की नीति में भी बदलाव किया गया है।

इसके जिला अरवा के राइस मिल मालिकों को इस बार काफी कुछ झेलना पड़ सकता है। ऐसी मिलों को चावल नहीं देने का भी प्रावधान किया गया है जिनका उन्नयन नहीं हुआ है। ज्ञात हो कि वर्ष 2022-23 में राइस मिलर्स को समय रहते अपग्रेड करने की बात कही गई थी।

अरवा मिल मालिकों को हो सकता है घाटा
रोहतास जिले में खाद्य उपभोक्ता संरक्षण नियमों में बदलाव के बाद अरवा मिल मालिकों का कारोबार ठप हो जाएगा. राज्य सरकार द्वारा अरवा चावल लेने पर रोक लगाने के बाद इन स्वामियों का कारोबार पूरी तरह से ठप हो गया है, कई लोगों ने बैंकों से लाखों रुपये का कर्ज ले रखा है. अपना खुद का व्यवसाय शुरू किया। लेकिन सरकार द्वारा नियम बदलने से मिल मालिकों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

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