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बीकानेर,जिले में श्रम विभाग के अफसरों की नाकामी के कारण केन्द्र सरकार की प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना में बीकानेर की स्थिति सबसे कमजोर उबर कर सामने आई है। श्रमिक कल्याण से जुड़ी इस योजना जिले के १८८६१ में से महज १७१५ श्रमिक ही जुड़ पाये है। साल 2019 में शुरू हुई इस योजना का मकसद 15 हजार रुपए से कम आमदनी वाले श्रमिकों को वृद्धावस्था में सामाजिक सुरक्षा मुहैया करवाना है। योजना में असंगठित क्षेत्र से जुड़े 15 हजार रुपए से कम मासिक आय वाले श्रमिक आवेदन कर सकते हैं। योजना में 18 से 40 साल की उम्र तक के व्यक्ति पात्र हैं। उन्हें मासिक 55 से 200 रुपए तक जमा करवाने होते हैं। इतना ही पैसा सरकार द्वारा जमा करवाया जाता है। इसमें आयकरदाता, ईपीएफओ, एनपीएस और ईएसआईसी योजना से जुड़े लोग शामिल नहीं हो सकेंगे। पीएम श्रम योगी मानधन योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन फॉर्म भरने से पहले आवेदक को अपने सभी दस्तावेजों जैसे आधार कार्ड, मोबाइल नंबर, बैंक पासबुक, पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ के साथ जनसेवा केंद्र पर आवेदन करना होगा। लेकिन योजना का प्रचार प्रसार करने मे ंनाकाम रहे श्रम विभाग के अधिकारी बीकानेर में इस योजना का दस फिसदी टारगेट भी पूरा नहीं कर पाये है। योजना की प्रोग्रेस रिपोर्ट कमजोर होने पर अब उच्चाधिकारी टारगेट पूरे करने के लिए सख्ती दिखा रहे हैं। इसके तहत सहायक श्रम आयुक्त को अब हर सप्ताह प्रोग्रेस सबमिट करनी होगी। इतना ही नहीं योजना से ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ा जा सके। इसके लिए विभागीय अधिकारियों से नवाचार के आइडिया मांगे गए हैं। ताकि योजना के टारगेट पूरे किए जा सके। कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति को पंचायतीराज एवं ग्रामीण विकास विभाग, स्थानीय निकाय, सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग, महिला एवं बाल विकास, कृषि, शिक्षा, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य व वन विभाग के साथ समीक्षा कर योजना का प्रचार-प्रसार कर टारगेट पूरे करने होंगे।

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