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बीकानेर,बीकानेर की पहचान भुजिया और रसगुल्ले से  अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर है, लेकिन खनिज संपदा के मामले में भी बीकानेर पीछे नहीं है. जिले के श्रीकोलायत से निकलने वाली मिट्टी सिरेमिक उद्योग की लाइफ लाइन है.बावजूद इसके आज तक बीकानेर में सिरेमिक इंडस्ट्री डेवलप नहीं हो पाई. खैर, अब बीकानेर में सिरेमिक इंडस्ट्रीज के अच्छे दिन आने वाले हैं.

बीकानेर में अब फिरेंगे सिरेमिक इंडस्ट्री के दिन

बीकानेर. जिले के श्रीकोलायत में जमीन के नीचे अकूत खनिज संपदा है. जिसमें बजरी और चाइना क्ले के साथ ही प्रचुर मात्रा में जिप्सम भी उपलब्ध है. संभवत: यह प्रदेश में पहली ऐसी जगह है, जहां नदी के किनारे ही बजरी नहीं निकलती, बल्कि जमीन से कई फीट नीचे तक बजरी की खाने हैं. यही कारण है कि जिले के श्रीकोलायत में निकलने वाली मिट्टी से ही सिरेमिक टाइल्स बनती है. लेकिन इसके बावजूद यह इंडस्ट्री बीकानेर में डेवलप नहीं हो पाई और पूरा कच्चा माल यहां से गुजरात के मोरबी को जाता रहा है, जहां सिरेमिक टाइल्स बनती है. वहीं, आज मोरबी इसका एक बड़ा हब बन गया है.

गैस पाइपलाइन की कमी: दरअसल, इसका एक बड़ा कारण बीकानेर में गैस पाइपलाइन का न होना भी है. गैस पाइपलाइन से सिरेमिक टाइल्स को बनाने के लिए एक निर्धारित तापमान का अनवरत मिलना संभव होता है. साथ ही उत्पादन की लागत भी कम आती है. जिसके चलते गुजरात के मोरबी में इसकी कई यूनिट्स लगी हुई हैं और यहां इसके कई इंडस्ट्री स्थापित हो चुकी हैं.

सालों से इंतजार अब खत्म: हालांकि, बीकानेर में इस गैस पाइपलाइन के प्रोजेक्ट को लेकर सालों से इंतजार किया जा रहा है और यहां के व्यापारियों ने इसके लिए प्रयास भी किए. लेकिन सफलता नहीं मिली. खैर, अब इसको लेकर कवायद हुई है. जिला उद्योग संघ के अध्यक्ष द्वारका प्रसाद पच्चीसिया ने बताया कि बीकानेर में सिरेमिक इंडस्ट्री 10 साल पहले ही पूरी तरह से विकसित हो जानी चाहिए थी, लेकिन गैस पाइपलाइन नहीं होने से यह संभव नहीं हुआ.

कच्चा माल बीकानेर का और नाम मोरबी का: मोरबी में यह इंडस्ट्री पूरी तरह से बीकानेर पर निर्भर है और सिरेमिक टाइल्स में 95 फीसदी काम आने वाला कच्चा माल बीकानेर से ही जाता है. बावजूद इसके बीकानेर पर निर्भर यह इंडस्ट्री पूरी तरह से मोरबी के नाम से विख्यात है.

राजनीतिक उदासीनता रहा कारण: पच्चीसिया तो यहां तक कहते हैं कि राजनीतिक उदासीनता के चलते बीकानेर में यह इंडस्ट्रीज डेवलप नहीं हो पाई. लेकिन अब इस इंडस्ट्री के बीकानेर में अच्छे दिन आने वाले हैं. केंद्रीय राज्य मंत्री अर्जुन मेघवाल के प्रयासों से बीकानेर में गैस पाइपलाइन का काम जल्द शुरू हो रहा है. साथ ही सिरेमिक जोन को लेकर रीको की ओर से बीकानेर के गजनेर औद्योगिक क्षेत्र में भी बड़े इंडस्ट्रियल प्लॉट अलॉट किए जा रहे हैं.

अब आएंगे अच्छे दिन: जिला उद्योग केंद्र की उपनिदेशक मंजू नैन गोदारा कहती हैं कि गैस पाइपलाइन नहीं होना हमारे लिए एक ड्रॉ बैक रहा है. लेकिन अब गैस पाइपलाइन को लेकर कवायद शुरू हुई है. करणी नगर औद्योगिक विस्तार में इसके लिए डिपो बनाने को लेकर जमीन चिन्हित की गई है. उन्होंने कहा कि इसके लिए केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय की ओर से कार्यकारी एजेंसी अब काम शुरू कर रही है. आने वाले दिनों में जल्द ही यह काम शुरू होगा. उन्होंने कहा कि उम्मीद की जानी चाहिए कि गैस पाइपलाइन आने के बाद बीकानेर में इस इंडस्ट्री को पंख लगेंगे.

बदल जाएगा नक्शा: बीकानेर में अभी सिरेमिक टाइल्स बनाने की एक ही यूनिट है और वो भी बहुत बड़े स्तर पर अपने काम को संचालित कर रही है. आने वाले दिनों में यदि सब कुछ सही रहा तो जल्द ही बीकानेर में गैस पाइपलाइन का काम शुरू हो जाएगा. जिसके बाद सिरेमिक इंडस्ट्री के बीकानेर में बड़े स्तर पर स्थापित होने के रास्ते खुलेंगे और आने वाले दिनों में इस इंडस्ट्री को विकास के पंख लगते भी देर नहीं लगेगी. बीकानेर में और भी नई इंडस्ट्रीज स्थापित होगी और इसके साथ ही सिरेमिक के अलावा दूसरी इंडस्ट्रीज को भी इसका फायदा मिलेगा.

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