बीकानेर, आर्थिक तंगी कहे या मानसिक तनाव युवा झेल नहीं पा रहे हैं। तनाव युवाओं की जिंदगी की ‘लोह बुझा रहा। घरेलू कलह,नौकरी, बेरोजगारी,प्यार में धोखा सहित अन्य कारणों से लोग मौत को गले लगा रहे हैं। जिला पुलिस के पास दर्ज आंकड़ों की मानें तो बेहद चौकान्ने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं। आत्महत्या करने वालों में सर्वाधिक २० से ४५ साल की उम्र के युवा है। जिले में हर पखवाड़े दो से तीन व्यक्ति किसी ने किसी तरह से आत्महत्या कर रहे हैं। अब कारण चाहे आर्थिक तंगी, पारिवारिक कलह, बेरोजगारी, प्यार में धोखा व कुछ और रहा हो लेकिन यह स्पष्ट है कि लोगों की मानसिक स्थिति कमजोर हो रही है।
केस एक :- गंगाशहर थाने में तैनात कांस्टेबल बाबूलाल डूडी ने ४ अगस्त की रात को जेएनवीसी थाना क्षेत्र में ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली। वह लंबे समय से पेट संबंधी बीमारी से परेशान था। मृतक ने मरने से पहले अपने एक रिश्तेदार को सोशल मीडिया के माध्यम से सुसाइड नोट में बीमारी व तनाव को आत्महत्या का कारण बताया था।
केस दो : लूणकरनसर थाना क्षेत्र के नाथवाणा में स्टेशन मास्टर विनोद कुमार ने ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली। इसकी मौत की वजह भी मानसिक तनाव व घरेलू कलह सामने आई थी। मृतक की हादसे से तीन साल पहले नौकरी और छह माह पहले ही शादी हुई थी।
यह सबसे बडी चिंता
जिले में हर साल २५० से ३०० लोग किसी न किसी रूप में आत्महत्या कर रहे हैं। पुलिस विभाग के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष २०१५ में २९७, वर्ष २०१६ में ३१७, वर्ष २०१७ में २९८, वर्ष २०१८ में ३१३, वर्ष २०१९ में ३०७, वर्ष २०२० में २९६ एवं वर्ष २०२१ में अब तक २२७ लोग आत्महत्या कर चुके हैं। इनमें भी केवल बीते एक महीने में १६ लोग ट्रेन से और २३ लोगों ने फांसी लगाकर या पानी के कुंड में कूद कर आत्महत्या कर ली।
आत्महत्या की सबसे बड़ी वजह है यह…?
पारिवारिक कलह ४० प्रतिशत
बीमारी ५ प्रतिशत
दिवालियापन ५ प्रतिशत
नशा १७ प्रतिशत
प्रेम संबंध १८ प्रतिशत
गरीबी ३ प्रतिशत
अन्य कारण १२ प्रतिशत
हाल ही में हुई घटनाएं
१६ जुलाई को लूणकरनसर के नाथवाणा रेलवे स्टेशन मास्टर विनोद कुमार पीपलीवाल ने ट्रेन के आगे कूदकर की आत्महत्या।
21 जुलाई को नागौर रोड रेलवे लाइन पर नोखा के वार्ड 26 निवासी रमेश मेघवाल ने ट्रेन के आगे कूदकर की आत्महत्या।
24 जुलाई को नोखा में रेलवे अंडरब्रिज के पास नोखा के वार्ड 38 मोहनपुरा निवासी राधा नायक की ट्रेन की चपेट में आने से मौत।
२७ जुलाई को पांचू थाना क्षेत्र के सारुंडा गांव में एक युवक-युवती ने पेड़ से फांसी का फंदा बनाकर आत्महत्या की।
31 जुलाई को महाजन थााना क्षेत्र में रेलगाड़ी के आगे आने से मोखमपुरा निवासी एक युवक राजेन्द्र की मौत।
२ अगस्त को पूगल रोड स्थित ओवरब्रिज के पास टैक्सी चालक बंशीलाल नाई ने ट्रेन के आगे आकर दी जान।
५ अगस्त को जेएनवीसी थााना क्षेत्र में गंगाशहर थाने में तैनात कांस्टेबल बाबूलाल डूडी ने ट्रेन के आगे कूद कर की आत्महत्या।
८ अगस्त को रामपुरा लालगढ़ में ट्रेन से कटा युवक।
९ अगस्त को बामनवाली के पास ट्रेन की चपेट में आया युवक।
10 अगस्त को नोखा के वार्ड 32 में रहने वाले किशन लाल ने फांसी लगाकर की आत्महत्या ।
१३ अगस्त की रात को बीछवाल थाना क्षेत्र के करणी औद्योगिक क्षेत्र में ट्रेन से एक युवक कटा।
१४ अगस्त को बीकानेर रेलवे स्टेशन पर भठिंडा निवासी बलजीत सिंह घायल हो गया, जिसकी पीबीएम अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई।
१४ अगस्त को देशनोक थाना क्षेत्र में पलाना-देशनोक के बीच ट्रेन से विवाहिता संगीता की मौत हो गई।
१५ अगस्त को खोखराणा गांव में कीटनाशक पीने से महिला की मौत।
१६ अगस्त को सदर थाना क्षेत्र के हनुमानहत्था में विवाहिता ने फांसी लगाकर की आत्महत्या।
१७ अगस्त को नापासर थाना क्षेत्र में रेलगाड़ी की चपेट में आाने से युवक की मौत।
आंतरिक शक्ति हो रही कमजोर
अब युवाओं की आंतरिक शक्ति कमजोर हो गई है। वे तनाव को सहन नहीं कर पा रहे हैं। तनावग्रस्त व्यक्ति आत्महत्या जैसा कदम उठाते है क्योंकि कुछ पल के लिए उनके दीमाग पर खुद का संतुलन नहीं रहता। इन्हीं पलों में वह खुदकुशी जैसा कदम उठाते हैं। ऐसे में परिवार के लोग उन्हें संबल प्रदान करें।
डॉ. श्रीगोपाल गोयल, सह आचार्य मानसिक रोग विभाग पीबीएम अस्पताल
कठिनाइयों का डटकर करें मुकाबला
युवा कठिनाइयों से घबराकर हिम्मत हार रहे हैं। युवा कठिन से कठिन परिस्थिति का डटकर मुकाबला करें। आत्महत्या किसी भी समस्या का समाधान नहीं हैं। घर में परिवार के बड़े-बुजुर्ग व जिम्मेदार लोग परिवार के हर सदस्य से उसकी समस्याओं पर चर्चा करें और समाधान के उपाय सुझावें।
प्रीतिचन्द्रा, पुलिस अधीक्षक