बीकानेर,राजस्थान पुलिस में तैनात महिला कांस्टेबल अब वर्दी पर रंग बिरंगे व मनचाही डिजाइन के जूते नहीं पहन सकेंगी। उनको खाकी वर्दी में निर्धारित मापदंड के अनुसार पेंट-शर्ट, बैज और बेल्ट लगाना होगा। मापदंड के अनुसार वर्दी नहीं पहनने वालों पर पुलिस महानिदेशक उमेश मिश्रा ने प्रशासनिक कार्यवाही के आदेश दिए हैं । पुलिस महानिदेशक मिश्रा की ओर से कानून व्यवस्था को लेकर आलाधिकारियों की ली गई बैठक में सामने आया कि प्रदेश में महिला आरक्षी की ओर से राजस्थान पुलिस के निर्धारित मापदंड के अनुसार वर्दी व टोपी नहीं पहनी जा रही है। महिला आरक्षी खाकी वर्दी पर रंग बिरंगे जूते पहन रही हैं। वहीं केस सज्जा में बनने वाले जूड़े में काले रंग की नेट (जाली) का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है। डीजीपी मिश्रा के आदेश पर एसपी, ट्रेनिंग सेंटर के कमांडेंट को महिला आरक्षी (कांस्टेबल) को निर्धारित मापदंड अनुसार वर्दी पहनने की नसीहत दी है। सिर्फ विशेष परिस्थितियों में सक्षम अधिकारी के आदेश पर ही राहत मिलेगी।
पहले दी जाएगी चेतावनी
आदेश में एसपी को पहले महिला आरक्षी को निर्धारित मापदंड के अनुसार वर्दी पहनने के लिए वार्ता कर चेताया जाएगा। इसके बाद खाकी वर्दी और उसके साथ पहनी जाने वाली वस्तुएं नहीं होने पर प्रशासनिक कार्यवाही की जाएगी।
सबके लिए खाकी पेंट-शर्ट,निर्धारित है मापदंड
राजस्थान पुलिस ने पुलिस के मुखिया से लेकर सिपाही तक के लिए खाकी पेंट व शर्ट को वर्दी में शामिल है। इसमें सर्दी में खाकी शर्ट का रंग गर्म कपड़े के साथ गहरा हो जाता है। यातायात पुलिस में ड्यूटी पाइंट पर तैनात पुलिसकर्मी के लिए सफेद शर्ट, नीली पेंट की वर्दी है, नीली टोपी है। खाकी शर्ट के दोनों कंधे पर आर.पी या राजस्थान पुलिस का बैज, बांये हाथ के बाजू पर कीर्ति स्तम्भ, बाजू में खाकी रंग विसिल की डोरी, बांयी जेब में सीटी, दाहिने तरफ की जेब पर काले-सफेद रंग की नेमप्लेट लगाना अनिवार्य है। खाकी पेंट, लाल रंग का चमड़े का बैल्ट, बैल्ट पर आरपी का बैज और बेल्ट नम्बर अंकित रहते हैं। खाकी गोल टोपी और अशोक स्तम्भ लगाया जाता है। वहीं बालों को संवारते हुए जुड़ा बनाकर काले रंग की जाली लगाना अनिवार्य है। महिला कांस्टेबल को काले जूते और खाकी रंग के जूते पहनना अनिवार्य है।