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बीकानेर,बीकानेर पुलिस अक्सर चर्चा में रहती है। यह चर्चा किसी अच्छे काम से नहीं, बल्कि महकमे के ही कुछ कारिंदों की हरकतों से होती है, जिसके कारण मित्र पुलिस का दर्जा रखने वाली बीकानेर पुलिस की वर्दी पर बेहद गहरे और गंदे दाग लग गए हैं। यह दाग कभी मिटने वाले भी नहीं हैं। पुलिस पर आरोपियों से मिलीभगत, अभद्र व्यवहार, रिश्वत मांगने सहित अन्य तरह के आरोप लगते रहते हैं।

यह लगते हैं आरोप
पुलिस कर्मचारियों-अधिकारियों पर कई गंभीर आरोप लगते हैं। बीकानेर जिले में धोखाधड़ी, मारपीट, अभद्र व्यवहार, अमानत में खयानत, तोड़फोड़, जानलेवा हमला, अपहरण, आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करना सहित मानहानि के आरोप लगे हैं। बीकानेर में मारपीट, धोखाधड़ी, लूटपाट, अभद्र व्यवहार के आरोप लगे हैं।

पुलिस का रौब अलग
पुलिसकर्मी पर आपराधिक आरोप लगने पर पहले तो एफआईआर दर्ज कराने में आमजन को बेहद परेशानी उठानी पड़ती है। उच्चाधिकारियों के दखल के बाद एफआईआर दर्ज हो जाए तो न्याय मिलना मुश्किल होता है। पुलिस अधिकारी-कर्मचारी के खिलाफ मामलों व शिकायतों की जांच पुलिस ही करती है ऐसे में जांच में ही उन्हें क्लीन चीट दे दी जाती है।

रेंज में स्तति ठीक नहीं
पुलिस आंकड़ाें की मानें तो दो साल बीकानेर रेंज के पुलिस अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ एक साल में 29 मामले दर्ज हुए। बीकानेर में 11 मामलों में 14 पुलिस कर्मचारियों को आरोपी बनाया गया। श्रीगंगानगर में चार, हनुमानगढ़ में 11 कर्मचारियों के खिलाफ सात एवं चूरू में 10 कर्मचारियों के खिलाफ सात मामले दर्ज हुए थे। सर्वाधिक मामले बीकानेर जिले में दर्ज हुए।

यह है रिकॉर्ड
पद – वेतन वृिद्ध रोकी – परिनिंदा – दोष मुक्त – चेतावनी – कुल
– सीआइ – … – 5 – 1 – 2 – 8
– एसआइ – 1 – 2 – 1 – 1 – 5
– एएसआइ – 4 – 1 – 1 – 2 – 8
– एचसी – …. – 3 – 3 – 1 – 7
कांस्टेबल – 8 – 6 – … – 1 – 15

इनका कहना है …
पुलिस जवान-अधिकारी गलती करते हैं तो उन्हें भी सजा मिलती है। बीकानेर जिले में 44 पुलिस अधिकारियों कर्मचारियों के खिलाफ शिकायत मिली,जिसमें 31 जनों को सजा दी गई। 13 जनों के खिलाफ शिकायत सही नहीं पाई गई। गलत करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा चाहे वह पुलिस का कोई अधिकारी ही क्यों न हो।
योगेश यादव, पुलिस अधीक्षक

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