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बीकानेर,जयपुर. पानी के मामले में राजस्थान (Rajasthan) पूरे देश का सबसे ज्यादा संकटग्रस्त (Water crisis) राज्य है. राज्य में प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष पानी की उपलब्धता 640 घन मीटर ही है, जबकि देश में यह 1700 घनमीटर और विश्व में यह 2000 घनमीटर है. जल की अत्याधिक आवश्यकता और सतही जल की कम उपलब्धता के कारण प्रदेश में भूजल का औसतन दोहन 135 प्रतिशत है. अब राज्य सरकार की तैयारी है कि प्रदेश में प्रति व्यक्ति 70 लीटर जलापूर्ति की जाए. इस हिसाब से 7 करोड़ की आबादी को रोजाना 500 करोड़ लीटर की जरूरत होगी. पशुधन और सिंचाई की जरूरत इससे अलग है.

जल संसाधन मंत्री डॉ. बीडी कल्ला के मुताबिक अब तक 37126.90 करोड़ रुपए की लागत से 127 वृहद पेयजल परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं. जनस्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग की ओर से राजस्थान नदी बेसिन प्राधिकरण के साथ मिलकर वर्ष 2051 तक सभी क्षेत्रों में राजस्थान राज्य जल ग्रिड की परिकल्पना के तहत 9 हजार 997 ग्राम पंचायतों को चरणबद्ध रूप से सतही भूजल उपलब्धता के लिए प्लानिंग की गई है.डॉ. कल्ला ने जोधपुर और बाड़मेर जिले के लिए आरजेएलसी तृतीय चरण परियोजना, अलवर के लिए चम्बल अलवर डीएमआईसी ट्रांसमिशन परियोजना व झालावाड़-बारां-कोटा जिले के लिए परवन पेयजल परियोजना की क्रियान्वति के लिए 8 हजार 172 करोड़ रुपए की विशेष सहायता उपलब्ध करवाने की बात कही है. इसके अलावा पश्चिम राजस्थान में इंदिरा गांधी नहर, नर्मदा नहर आधारित योजनाओं के संवर्धन एवं विस्तार और बीसलपुर जयपुर परियोजना के दूसरे चरण से पेयजल उपलब्ध करवाने की योजना है.

पीने के पानी का 87 प्रतिशत हिस्सा भूजल से ही
राजस्थान ऐसा क्षेत्र है जहां वर्ष भर बहने वाली नदियां नहीं हैं. यहां पानी से सम्बन्धित समस्याएं, अनियमित और कम वर्षा और नदियों में कम पानी को लेकर पैदा होती हैं. राजस्थान में भूजल स्तर तेजी से गिर रहा है. राजस्थान में पीने के पानी का 87 प्रतिशत हिस्सा भूजल से ही लिया जाता है. साथ ही सिंचाई में भी भूजल का उपयोग बहुत तेजी से बढ़ा है. राज्य के सिंचित क्षेत्र का 60 प्रतिशत हिस्सा भूजल से ही होता है. भूजल का दोहन पिछले 30 साल मे बड़ी तेजी से बढ़ा है.

भूजल की तस्वीर चिंताजनक
राजस्थान के के 203 ब्लॉक डार्क जोन में आते हैं. बाकी बचे 30 ब्लॉक सेफ जोन में हैं और 6 ब्लॉक सेमी क्रिटिकल जोन में हैं. यदि इस तस्वीर को और गहराई से देखें तो 30 ब्लॉक खारे हैं. सुरक्षित क्षेत्र उत्तर में गंगानगर व हनुमानगढ़ जिले के ब्लॉक हैं जहां पर इन्दिरा गांधी कैनाल से सिंचाई की जाती है.

दक्षिणी राजस्थान में 2 ब्लॉक सुरक्षित और एक अर्धसुरक्षित दूसरी तरफ दक्षिण में बांसवाड़ा व डूंगरपुर जिले हैं जहां तीन बांधों से सिंचाई की व्यवस्था है. इस इलाके में चार जिलों के 22 ब्लॉक सुरक्षित और एक ब्लॉक अर्धसुरक्षित है. इसके बाद राजस्थान में सिर्फ 8 ब्लॉक सुरक्षित क्षेत्र में आते हैं. ये प्रायः उस क्षेत्र में है जहां पानी खारा है या जलस्तर बहुत ही नीचे है जैसे बाड़मेर. राजस्थान देश का सबसे बड़ा सूखा प्रदेश है. यहां वर्षा का औसत बहुत ही कम है.

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