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बीकानेर,श्री शांत क्रांति जैन श्रावक संघ नोखा के द्वारा “आचार्य श्री विजय राज जी महाराज साहब” के सानिध्य में आत्महत्या मुक्त हो देश विदेश की कल्पना विषय पर एक सर्व धर्म सत्संग का आयोजन पींचा भवन जोरावरपुरा नोखा में किया गया।इस अवसर पर परम श्रद्धेय जिनशासन गौरव प्रज्ञानिधि आचार्य श्री विजय राज जी महाराज साहब ने अपने प्रवचन में फ़रमाया कि मानव जीवन दुर्लभ है, अनमोल है। किन्तु आज के भौतिक युग में नर नारी अधीरता आत्महत्या जैसा भयानक कदम उठा लेते हैं। इसलिए समाज में संयमित व सहनशीलता भरा जीवन जीने कि पद्धति को समाज में बढ़ावा देना चाहिए ताकि अनावश्यक आकांक्षाओं से परिवार व समाज में ऐसी समस्या घर नहीं कर सके। आचार्य श्री ने उपस्थित समस्त श्रावक श्राविकाओं को संकल्पित होने व औरों को भी प्रेरित करने का आह्वान किया। आपने फ़रमाया कि इस त्रासदी से बचने के लिए सभी के जीवन में तीन संत, ग्रंथ,व पंथ (धर्म) होना चाहिए।

“भगवताचार्य श्री प्रभुप्रेमी जी” ने अपने ओजस्वी उद्बोधन में राम कृष्ण का उदाहरण देते हुए समझाया कि उनसे ज्यादा कष् व समस्या हमारे जीवन में नही है प्रभु कि कृपा से मिले मानव जीवन को बचाने के लिए सत्संग जरुरी है। कष्टों व समस्या से बिना घबराते अपने जीवन में सामना करने वाले को ही महापुरुष बनाते हैं।
नोखा विधायक “श्री बिहारी लाल जी विश्नोई” ने कहा कि वर्तमान समय में हर क्षेत्र में जो प्रतिस्पर्धा उसमें असफलता से हीन भावना पैदा होती है तथा अशांत मन यह गलत कदम उठा लेता है। सहनशीलता के गुण का विकास इस कृत्य को रोकने में सहायक सिद्ध हो सकता है।
नगरपालिका उपाध्यक्ष “निर्मल जी भूरा” ने कहा कि आत्महत्या मानवता पर कलंक है। जबकि जीवन ईश्वर का दिया अनमोल उपहार है।
राजस्थान राज्य वरिष्ठ नागरिक कल्याण बोर्ड के सदस्य “प्रताप सिंह राजपुरोहित” जोधपुर से विशेष इस आयोजन के लिए पधारे व सभी को साधुवाद दिया कि इस पावन काम में सभी जुटे हैं जो कि निश्वार्थ भाव से कर रहे हैं।
SFU संकल्प समीति के राष्ट्रीय संयोजक “बछराज लूणावत” ने बताया कि इस समस्या को ध्यान में रखते हुए अभियान को सभी गांवों कस्बों शहरों में पहुंचाकर गुरु देव कि प्रेरणा से मानव सेवा का काम निरंतर करना है।
इस अवसर पर बीकानेर गंगाशहर नागौर चैन्नई एवं नोखा व आसपास के काफी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
सत्संग में भागलेने वालों ने स्वेच्छा से संकल्प पत्र भरे व सभी को प्रेरित करने का संकल्प भी लिया।
सत्संग का संचालन “राजेन्द्र सिंह राठौड़” ने कुशलता पूर्वक करते हुए महामहिम मिसाइल मैन के जीवन को उदाहरण स्वरूप प्रस्तुत किया।
“मगनमल लूणावत” ने सभी आगंतुकों का आभार व्यक्त किया।

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