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बीकानेर,Indian Railway: रिपोर्ट के मुताबिक, रेलवे के 139 अधिकारियों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (VRS) लेने पर मजबूर किया गया, जबकि 38 को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है.

मोदी सरकार में नॉन परफार्मर और भ्रष्ट कर्मचारियों पर सख्त एक्शन लिया जा रहा है. रेल मंत्री अश्विन वैष्णव ने साफ कर दिया है कि रेलवे में रहना है तो काम करना होगा, वरना बाहर कर दिया जाएगा. एक रिपोर्ट के मुताबिक रेलवे ने जुलाई 2021 से हर तीन दिन में एक ‘नॉन-परफॉर्मर’ कर्मचारी को बाहर किया है. सूत्रों के मुताबिक बुधवार को दो वरिष्ठ ग्रेड के अधिकारियों को लापरवाही बरतने के आरोप में बर्खास्त कर दिया गया है.

बुधवार को जिन दो अधिकारियों को बर्खास्त किया गया, उनमें से एक को CBI ने हैदराबाद में 5 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ा था, जबकि दूसरा झारखंड की राजधानी रांची में 3 लाख रुपयों के साथ पकड़ा गया था. रिपोर्ट में कहा गया है कि रेलवे के 139 अधिकारियों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (VRS) लेने पर मजबूर किया गया, जबकि 38 को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है.

कई विभाग के कर्मचारियों को VRS दिलाया

जानकारी के मुताबिक जिन लोगों को VRS लेने पर मजबूर किया गया या बर्खास्त किया गया, उनमें इलेक्ट्रिकल और सिग्नलिंग, मेडिकल और सिविल सेवाओं के अधिकारी शामिल थे. स्टोर, यातायात और यांत्रिक विभागों के कर्मचारियों पर भी गाज गिरी है. बता दें कि VRS लेने वाले कर्मचारी को बची हुई सेवा के प्रत्येक वर्ष के लिए दो महीने के बराबर का वेतन दिया जाता है. हालांकि अनिवार्य रूप से रिटायर हुए कर्मचारियों को ये लाभ नहीं मिलता है.

रेलमंत्री ने दी थी काम करने की चेतावनी

रेलवे के एक अधिकारी ने बताया, रेल मंत्री अश्विमी वैष्णव की ओर से पदभार संभालने के बाद ही बहुत स्पष्ट संदेश दिया था कि ‘काम करें या फिर बाहर जाएं’. जुलाई 2021 से हमने हर तीन दिन में एक लापरवाह या भ्रष्ट कर्मचारी को बाहर कर दिया है. ये काम मोदी सरकार की ओर से भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने वाली कार्य प्रणाली का हिस्सा है.

लापरवाह/भ्रष्ट कर्मचारियों को बाहर किया

एक अधिकारी ने कहा, रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ‘काम करें या हटाए जाएं’ के अपने संदेश के बारे में बहुत स्पष्ट हैं. हमने जुलाई 2021 से हर तीन दिन में रेलवे के एक भ्रष्ट अधिकारी को बाहर कर दिया है. 139 में से कई कर्मचारी ऐसे हैं, जिन्होंने पदोन्नति नहीं होने पर या छुट्टी नहीं मिलने पर नाराज होकर भी VRS ले लिया है. वहीं जबरन VRS दिए जाने पर कुछ कर्मचारियों ने विरोध भी जताया है.

सरकार के पास बर्खास्त करने का अधिकार

बता दें कि रेलवे के कार्मिक और प्रशिक्षण सेवा नियमों के नियम 56 (J) के अनुसार एक सरकारी कर्मचारी को कम से कम तीन महीने का नोटिस या समान अवधि के लिए भुगतान करने के बाद सेवानिवृत्त या बर्खास्त किया जा सकता है. रेलवे के मौलिक नियमों और संबंधित प्रावधानों FR 56 (J), FR 56 (L) या नियम 48 (1)(B) के तहत सरकारी कर्मचारी को सेवानिवृत्ति करने का पूर्ण अधिकार है.

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