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बीकानेर,11 साल पहले हत्या एवं वर्ष, 2013 में जानलेवा के मामले में जमानत मिलने के बाद फरार हुए आरोपी को बीकानेर पुलिस ने दस साल बाद गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी पुलिस से बचने के लिए साधु बन गया था। पुलिस एक महीने से उसकी रेकी कर रही थी आखिरकार सोमवार को बजरंग धोरे के पास रोही में पकड़ा गया।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर अमित कुमार बुड़ानिया ने बताया कि पूगल थाना क्षेत्र के करणीसर भाटियान गांव निवासी डूंगरसिंह 30 पुत्र विजयसिंह ने वर्ष 2011 में हत्या एवं वर्ष 2013 में जानलेवा हमले के मामले में जमानत मिलने के बाद पुलिस से बचने के लिए फरार हो गया था। पुलिस आरोपी की तलाश कर रही थी लेकिन यह हाथ नहीं लगा। आरोपी के खिलाफ स्थायी वारंट जारी हो रखा था। आरोपी की गिरफ्तारी के लिए एएसआइ सुभाष यादव के नेतृत्व में तीन कांस्टेबलों की टीम बनाई गई। करीब एक महीने की मशक्कत के बाद पुलिस ने आरोपी को शाेभासर गांव की रोही से पकड़ा।

साधुओं के टोले में हो गया शामिल
आरोपी डूंगरसिंह बेहद चालाक है। वर्ष 2011 में हत्या के मामले में आरोपी था तब वह नाबालिग था। उसे जमानत मिल गई। वर्ष 2013 में नयाशहर थाने में जानलेवा हमले के मामले में आरोपी बना। उक्त मामले में जब उसे जमानत मिल गई तो वह फरार हो गया। आरोपी के मां-बाप की भी मौत हो गई। भाई-बहिन अलग रहते हैं। आरोपी ने सबसे नाता तोड़ लिया और हिमालय की ओर से चला गया। वहां साधु-संतों के साथ रहने लगा। इसके बाद वह हरियाणा में आ गया। हाल ही में एएसआइ सुभाष यादव के नेतृत्व में पुलिस टीम हरियाणा गई तब वहां बीकानेर के किसी व्यक्ति के हत्या करने के बाद साधु बनने की बात सुनने को मिली।

बाड़मेर से लेकर हरियाणा तक छानबीन

एएसपी ने बताया कि जांच-पड़ताल में पता चला कि आरोपी हरियाणा में है। हरियाणा से आरोपी के बाड़मेर में साधुओं के साथ रहने का पता चला। तब पुलिस टीम वहां पहुंची तो बताया कि आरोपी हाल ही में बीकानेर के शोभासर गांव में झोपड़ी बनाकर रह रहा है। पुलिस टीम ने चार दिन तक पूरे गांव में सादावर्दी में रहकर छानबीन की तब पता चला कि अभी कुछ दिन पहले की एक साधु बाबा गांव के बाहर रोही में कुटिया बनाकर रह रहा है। तब पुलिस टीम सादावर्दी में वहां पहुंची और उसे दबोचा। आरोपी एक महीने से ज्यादा कहीं पर नहीं रहता था। फरारी के दौरान एक हादसे में आरोपी का पैर कट गया। इसके बावजूद उसने अपने रिश्तेदारों से संपर्क नहीं किया।

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