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बीकानेर, ऊर्जा, जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने सोमवार को सुजानदेसर स्थित सूरजविहार कॉलोनी में स्व. श्रीमती सूरजदेवी व्यास एवं स्व. श्री जेठमल व्यास की स्मृति में बनाए गए जलमहल का उद्धघाटन किया। इस अवसर पर ऊर्जा मंत्री ने कहा कि परोपकार से बड़ा कोई धर्म नहीं हैऔर दूसरों को कष्ट पहुंचाने से बड़ा कोई पाप नहीं है। परोपकारी कर्म करने वालों को हमेशा याद रखा जाता है। उन्होंने कहा कि श्राद्घ पक्ष में तर्पण करने वालों की तीन, प्याऊ, तालाब, कुँए, बावड़ी और पोखर बनाने वालों की सात तथा मंदिर अथवा कोई धार्मिक स्थल का निर्माण करवाने वालों की 21 पीढ़ियों को मोक्ष मिलता है। डॉ कल्ला ने कहा कि स्वर्गीय सूरजदेवी व्यास परोपकारी महिला थी, उन्होंनेे अपना जीवन गरीबोंं की सेवा के लिए समर्पित किया था। उनकी स्मृति में परिवारजनों द्वारा करवाया गया यह कार्य अनुकरणीय है, इस कार्य से उनकी स्मृति चिरस्थाई बनी रहेगी। पूर्व सभापति चतुर्भुज व्यास ने कहा पूर्वजों की याद में परिवार द्वारा कराया गया कार्य आमजन के लिए लाभदायी रहेग। उन्होंने कहा कि इससे दूसरे लोगों को भी प्रेरणा मिलेगी। राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के पूर्व सचिव डॉ. सत्यप्रकाश आचार्य ने कहा कि पानी का जीवन में अत्यंत महत्व है। पानी के बिना जीवमात्र के अस्तित्व की कल्पना नहीं कि जा सकती। स्व. श्रीमती सूरज देवी व्यास परिवार द्वारा किया गया कार्य सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है। कार्यक्रम का संचालन डॉ विजय आचार्य ने किया इस अवसर पर कन्हैयालाल कल्ला, समाज सेवी श्रीलाल व्यास व ललित कुमार व्यास, मालचंद जोशी, पूजा पारीक, रघुराज सिंह राठौड़, गंगा रेजीडेंसी के अशोक चौधरी, सुरेंद्र शर्मा, नमिता पारीक, अनिल कुमार व्यास, दक्ष व्यास, मिलन गहलोत आदि मौजूद रहे।

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