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बीकानेर,पाकिस्तान के लिए जासूसी करने वाले विदेश मंत्रालय में काम करने वाले एक ड्राइवर को गिरफ्तार किया गया है। उसे दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू भवन से गिरफ्तार किया गया। बताया जा रहा है कि ड्राइवर को हनी ट्रैप के जरिए फंसाया गया, जिसके बाद एक पाकिस्तानी नागरिक ने उसके साथ जासूसी के लिए डील की। आरोपों के मुताबिक विदेश मंत्रालय के संवेदनशील और गुप्त डॉक्यूमेंट्स के बदले ड्राइवर को पैसे भी दिए जाते थे। मीडिया रिपोर्ट में दिल्ली पुलिस के क्राइम ब्रांच के सूत्रों का हवाला दिया गया है और कहा गया है कि ड्राइवर का हनी ट्रैप किया गया था और इसके पीछे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ था।

कैसे फंस गया ड्राइवर?

एजेंसी द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक आरोपी ड्राइवर मंत्रालय की गुप्त और संवेदनशील जानकारियों को पाकिस्तान के साथ साझा कर रहा था। उससे एक पाकिस्तानी महिला कथित रूप से पूनम या पूजा होने का नाटक कर बातचीत कर रही थी। अब पुलिस और इंटेलिजेंस एजेंसी ने इस बात की छानबीन शुरू कर दी है कि मंत्रालय में कहीं और कर्मचारी तो पाकिस्तान के लिए जासूसी नहीं कर रहा है। हालांकि इस मामले में मंत्रालय की तरफ से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।

पहले भी आ चुके हैं जासूसी के मामले

पाकिस्तान के लिए जासूसी का यह पहला मामला और पहली गिरफ्तारी नहीं है। इससे पहले अगस्त महीने में एक 46 वर्षीय शख्स को राजस्थान पुलिस ने दिल्ली से गिरफ्तार किया था, जो कथित रूप से पाकिस्तान के लिए जासूसी कर रहा था। शख्स जन्म से एक पाकिस्तानी नागरिक था, जो 1998 में अपने परिवार के साथ भारत आया था। उसने 2016 में भारत की नागरिकता भी हासिल कर ली थी। वह पाकिस्तान में अपने रिश्तेदार के जरिए हैंडलर के संपर्क में था। चीन के लिए जासूसी करने वाली एक महिला को भी पुलिस ने अक्टूबर महीने में गिरफ्तार किया था।

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