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बीकानेर,आज सीसीआरवाईएन एवं एन आई एन, आयुष मंत्रालय, भारत सरकार के अंतर्गत स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय परिसर में स्थित योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र पर राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा दिवस के अवसर पर आरोग्यम् सेमिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अशोक कुमार – एसडीएम, बीकानेर, आलोक शुक्ला – द्वितीय कमान अधिकारी बीएसएफ, डॉ. विमला डुकवाल – डीन, सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय व केंद्र निदेशक डॉ. देवाराम काकड़ ने दीप प्रज्ज्वलित कर सेमिनार का शुभारंभ किया। योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र के निदेशक डॉ. देवाराम काकड़ ने अपने उद्बोधन में प्राकृतिक चिकित्सा दिवस का महत्व बताते हुवे कहा कि प्राकृतिक चिकित्सा अत्यंत प्राचीन चिकित्सा पद्धति हैं जो भारत की अमूल्य धरोहर हैं। ये प्रमाणित वैज्ञानिक, परिणामकारक, सरल, सुरक्षित और अनेक रोगों के सफलतापूर्वक निवारण में अत्यंत प्रभावी हैं। वर्तमान समय में अनेक रोगों से बचाव के लिए हमें प्रकृति की ओर चलने की अवश्यकता है।
कार्यक्रम मुख्य वक्ता डॉ. विमला डुकवाल ने अपने उद्बोधन में कहा कि प्राकृतिक चिकित्सा मानव कल्याण के लिए समग्र दृष्टिकोण और स्वस्थ जीवन के बारे में शिक्षित करने का एक तरीका है। यह सबसे प्राचीन स्वास्थ्य देखभाल तंत्र है जो चिकित्सा के पारंपरिक और प्राकृतिक रूपों के साथ आधुनिक वैज्ञानिक ज्ञान को समाहित करता है। प्रकृति की उपचार शक्ति पर भरोसा करते हुए, प्राकृतिक चिकित्सा मानव शरीर की खुद को ठीक करने की क्षमता को उत्तेजित करती है। प्राकृतिक चिकित्सा में आहार का बहुत अधिक महत्व बताया गया है, हमारे दैनिक जीवन में प्राकृतिक आहार को नियमित करने से अनेक घातक बीमारियों से बचाव कर सकते हैं। इस लिए कहा जाता है कि “आहार ही औषधि है” ।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि – उपखंड अधिकारी एवं उपखंड मजिस्ट्रेट अशोक कुमार ने सेमिनार को संबोधित करते हुवे कहा कि प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग के द्वारा मनुष्य अपने स्वास्थ्य को स्वस्थ रख सकता है इससे व्यक्ति के जीवन के शारीरिक, मानसिक, नैतिक और आध्यात्मिक भागों के रचनात्मक सिद्धांतों के साथ-साथ व्यक्ति के सद्भाव का भी निर्माण होगा।
कार्यक्रम अध्यक्ष – सीमा सुरक्षा बल के द्वितीय कमान अधिकारी आलोक शुक्ला ने कहा कि इस प्रकार के प्राकृतिक चिकित्सा दिवस कार्यक्रम के माध्यम से आम जन तक प्राकृतिक चिकित्सा की बात पहुंचेगी। इस पद्धति का महत्व समझने के साथ – साथ स्वयं को स्वस्थ रखने के लिए लाभ लेते रहना चाहिए।
राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा दिवस के अवसर पर धर्मचंद सोनी और कौशल्या नंदीवाल को इस पद्धति के लिए उत्कृष्ट कार्य करने पर आरोग्यम् सम्मान स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में डॉ. विमल नंदीवाल ने सभी का आभार वक्त किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. जयप्रकाश राजपुरोहित ने किया। कार्यक्रम में सुनील, पीयूष, विजयश्री, दीपक ने आगंतुओ को केंद्र का अवलोकन करवाया।
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