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बीकानेर,जिसकी लाठी उसकी भैंस नगर निगम में यह कहावत पूरी तरह से अमल में लाई जा रही है। जिस नगर सेवक का नगर आयुक्त से झगड़ा हुआ था, बाद में उसके साथ समझौता कर लिया गया और उसके वार्ड में काम को भी मंजूरी दे दी गई।पार्षद शांत स्वभाव के हैं, यहां कुछ नहीं हो रहा है। नेता प्रतिपक्ष का वार्ड इस मामले में पहले नंबर पर है। कभी कमिश्नर के घोर विरोधी थे, लेकिन आज काम के मामले में वह अव्वल हैं। जबकि संजय गुप्ता, अकरम, गोपीचंद जैसे पार्षदों के वार्ड में कोई राशि स्वीकृत नहीं हुई।

27 मई को आमसभा को लेकर बड़ा विवाद हुआ था। नेता प्रतिपक्ष चेतना चौधरी समेत करीब दो दर्जन पार्षदों ने आमसभा का बहिष्कार किया। कुछ समय बाद स्थिति बदली और अब चेतना चौधरी के वार्ड 17 में सबसे अधिक एक करोड़ से ऊपर के कार्य स्वीकृत हुए हैं. हालांकि इसमें हाउसिंग बोर्ड की राशि भी शामिल है। कमिश्नर ने वार्ड 52 के पार्षद महेंद्र बडगूजर के खिलाफ पुलिस से शिकायत तक की थी। उनके वार्ड में 77 लाख तक के कार्य स्वीकृत हुए। नेता प्रतिपक्ष प्रफुल्ल हटिला टीम में हैं तो उनके वार्ड में भी करीब एक करोड़ काम किए गए।

भाजपा के वार्ड 9 के विवेद धवल को सांसद अर्जुनराम मेघवाल के करीबी होने का फायदा मिला। जितेंद्र सिंह भाटी व लक्ष्मीकंवर हड़लान के वार्डों में 80 लाख से अधिक के कार्य कराये गये. हालांकि इसमें विधायक और सांसद कोटे की राशि भी शामिल है। ताजा उदाहरण कांग्रेस पार्षद शांति लाल मोदी का है। कमिश्नर से फोन पर उनकी कहासुनी हो गई। गाली देने का आरोप लगाया, लेकिन जब समझौता हुआ तो 35 लाख के टेंडर शुरू किए गए।

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