Trending Now












बीकानेर गुजरात में चुनावों को लेकर राजनीतिक दल पूरी जोर आजमाइश कर रहे हैं. बीजेपी-कांग्रेस के अलावा आम आदमी पार्टी मैदान में पूरा दमखम दिखा रही है. बीजेपी के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का गृहक्षेत्र होने के कारण गुजरात काफी अहम है.

वहीं दो दशक से बाहर कांग्रेस के लिए भी गुजरात की सत्ता में लौटना एक बड़ी चुनौती है. दरअसल गुजरात चुनावों के मतदान से पहले बीजेपी का टिकट वितरण पैटर्न इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है. जानकारी के लिए बता दें कि गुजरात में बीजेपी ने पिछले चुनाव के मुकाबले 50 फीसदी चेहरों के टिकट काट दिए हैं. गुजरात में बीजेपी की रणनीति के बाद मान जा रहा है कि राजस्थान में भी इसी फॉर्मूले के साथ चुनाव में उतरा जा सकता है.

मालूम हो कि राजस्थान में अगले साल के आखिर में विधानसभा चुनाव है और गहलोत सरकार के खिलाफ एंटी इंकंबेंसी का माहौल तैयार करने के लिए बीजेपी सख्त फैसले ले सकती है.

इधर बीजेपी की कार्यसमिति की बैठक हाल में हुई जहां केंद्रीय मंत्री मेघवाल ने सतीश पूनिया को उगता सूरज कहा जिसके बाद माना जा रहा है बीजेपी पीएम मोदी के चेहरे के साथ किसी स्थानीय चेहरे को भी आगे रख सकती है. वहीं आने वाले दिनों में नेतृत्व और टिकट को लेकर राजस्थान बीजेपी में घमासान मच सकता है.

कई मौजूदा विधायकों के कट सकते हैं टिकट

गुजरात की तरह अगर बीजेपी राजस्थान में यही फॉर्मूला लगाती है तो माना जा रहा है कि कम से कम 100 नए चेहरों को 2023 में मौका दिया जा सकता है. इसके अलावा करीब 25 से 30 विधायकों के भी टिकट कटने के आसार बन रहे हैं. बता दें कि गुजरात में बीजेपी ने 99 में से 38 सिटिंग विधायकों के टिकट काटकर कड़ा संदेश दिया है.

हालांकि बीजेपी में अन्य पार्टियों की तरह खुलकर विरोध कम ही देखा जाता रहा है. इसके अलावा बीजेपी ने गुजरात में पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी, नितिन पटेल, सौरभ पटेल जैसे कई दिग्गजों को भी टिकट नहीं दिया है जिसके बाद माना जा रहा है राजस्थान में भी उम्र और क्षेत्र में पकड़ जैसे कई पैरामीटर पर नेताओं के टिकट कट सकते हैं.

बीजेपी का नए चेहरे पर दाव

वहीं बीजेपी ने गुजरात में चुनावों से पहले पहली बार विधायक बने भूपेंद्र पटेल को मुख्यमंत्री बनाया था जिसके बाद बीजेपी के इस फैसले पर कई सवाल खड़े हुए थे. इधर राजस्थान में काफी समय से सीएम के चेहरे को लेकर लड़ाई चल रही है जहां पूनिया और राजे गुट के बीच घमासान मचा हुआ है.

इसके अलावा राजस्थान बीजेपी के प्रभारी कई बार कह चुके हैं कि पीएम मोदी और कमल के निशान पर ही राजस्थान में चुनाव लड़ा जाएगा. ऐसे में अब माना जा रहा है कि इस खींचतान के बीच बीजेपी हर किसी को हैरान कर देने वाला भी कोई फैसला कर सकती है.

मुस्लिम प्रत्याशी को मिलेगा टिकट !

गुजरात में बीजेपी ने इस बार किसी भी मुस्लिम उम्मीदवार को चुनाव में नहीं उतारा है जहां 30 सीटों पर मुस्लिम वोटर्स का दबदबा है इसके बावजूद बीजेपी ने चुनावों में यह रिस्क लिया है. ऐसे में राजस्थान में भी आने वाले समय में यह फॉर्मूला अपनाया जा सकता है. मालूम हो कि 2018 में भी बीजेपी ने तत्कालीन सीएम वसुंधरा राजे के दबाव के चलते टोंक से एकमात्र पूर्व मंत्री यूनुस खान को टिकट दिया था जिन्हें सचिन पायलट से हार मिली थी.

Author