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बीकानेर।‌ बात 18 अप्रैल 2018 की है जब BSF के इंस्पेक्टर अवधेश एक ग्राऊंड में बाइक पर लगे पोल पर चढ़कर ड्राइव कर रहे थे। तेज आंधी व तूफान के चलते वो बाइक से ऐसे गिरे कि शरीर की तीन हडि्डयां टूट गई। अगले कुछ दिन में ही उन्हें वर्ल्ड रिकार्ड बनाना था। अस्पताल में ऑपरेशन के महज छह दिन बाद ही अवधेश वापस मैदान में पहुंचे और लगातार दस घंटे 34 मिनट और 27 सैकंड तक लगातार बाइक चलाई। वो भी बाइक पर लगे 16 फीट 5 ईंच ऊंचे पोल पर खड़े होकर चलाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन प्रतीत हो रहा था। टूटी हडि्डयों के साथ बना ये रिकार्ड आज भी अवधेश के नाम है।

इंस्पेक्टर अवधेश जिन्होंने वर्ल्ड रिकार्ड उस समय बनाया जब शरीर की तीन हडि्डयां टूटी हुई थी।

दरअसल, अवधेश BSF की उस जांबाज टीम के सदस्य है, जो देशभर में बाइक सवारी के लिए पहचान रखती है। जांबाज टीम इन दिनों बीकानेर में है और यहां करणी सिंह स्टेडियम में स्वतंत्रता दिवस पर जबर्दस्त प्रस्तुति दी। इस टीम के करीब पचास सदस्य तरह तरह के स्टंट करके बताते हैं कि देश की सरहदों की रक्षा के लिए कितना हौंसला रखते हैं।

अब तक नौ वर्ल्ड रिकार्ड उनकी टीम बना चुकी है। कई रिकार्ड अपग्रेड हो गए लेकिन 16 फीट ऊंचे पाइप पर खड़े होकर बाइक चलाने का रिकार्ड आज भी कायम है। उनके कुछ रिकार्ड टूटे भी है, जो भारतीय सेना ने तोड़े। इससे पहले दस फीट सात ऊंचे पाइप पर चढ़कर लगातार 9 घंटे दस मिनट तक बाइक चलाने का रिकार्ड भी भारतीय सेना का ही था। जिसे अवधेश ने तोड़कर ही दम लिया।

12 साल की उम्र से बाइक का जुनून

जब दोस्त साइकिल चलाते तब अवधेश बारह साल की उम्र में बाइक चलाने का जुनून पाल चुके थे। घर पर कई बार मार पड़ी, डांट पड़ी लेकिन अवधेश को बाइक सीखने की जिद थी, सीखल भी ली। उनके पिता आर्मी में थे, सो आर्मी के कार्यक्रमों में ही बाइक राइडर्स को देखा। इसके बाद से वो समझ गए कि आर्मी में भी जाना है और बाइक भी चलानी है। बाद में उन्होंने BSF ज्वाइन किया और यहां जांबाज टीम से जुड़ गए।

नौ तरह के वर्ल्ड रिकार्ड

अवधेश बताते हैं कि BSF की टीम जांबाज के पास नौ तरह के वर्ल्ड रिकार्ड है, जिन्हें अब तक कोई तोड़ नहीं पाया है। इसमें सबसे बड़ा रिकार्ड बाइक पर 16 फीट से ऊंचा पोल लगाकर उस पार खड़ा होकर साढ़े दस घंटे से ज्यादा चलाना ही है। ये रिकार्ड आसानी से नहीं टूटेगा। अवधेश का मानना है कि कोई भारतीय ही इसे तोड़ सकता है।

महिलाएं भी है टीम में

जांबाज टीम में बड़ी संख्या में महिलाएं भी है। महिलाएं बाइक चलाती है, वो भी उल्टे बैठकर, दो सवारियों के बीच खड़े होकर, स्पीड से दौड़ती बाइक पर खड़े होकर। अवधेश बताते हैं कि एक क्षण के लिए भी अगर नजर चूक जाती है तो दुर्घटना हो सकती है लेकिन ये महिलाएं एक क्षण के सौवें हिस्स की गलती भी नहीं करती।

हर दूसरे साल लाल किले पर

BSF की जांबाज टीम को हर दूसरे साल स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले पर प्रदर्शन का अवसर मिलता है। पिछले साल वर्ष 2020 में किया था और अब 2022 में प्रदर्शन करेंगे। इस साल ये अवसर बीकानेर के करणी सिंह स्टेडियम को मिला।

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