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बीकानेर,राजस्थान कांग्रेस प्रभारी अजय माकन के पद छोड़ने के बाद प्रदेश के सियासत में हलचल तेज है. इस बीच सचिन पायलट कैंप के विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा ने कहा कि 51 दिन बीतने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होने से माकन को धक्का लगा,इसलिए उन्होंने यह कदम उठाया.बैरवा ने यह भी कहा कि दोबारा विधायक दल की बैठक बुलानी चाहिए और जो बदलाव करना है, उसे कर देना चाहिए.

जयपुर. राजस्थान के कांग्रेस प्रभारी अजय माकन के पद छोड़ने के बाद राजस्थान में शांत पड़ी कांग्रेस की सियासत में फिर हलचल हो गई है. पायलट कैंप के विधायक और राजस्थान एससी आयोग के अध्यक्ष खिलाड़ी लाल बैरवा ने कहा है कि अजय माकन खुद आलाकमान हैं और उनकी रिपोर्ट के आधार पर ही मंत्री शांति धारीवाल, मंत्री महेश जोशी और आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र राठौर को कारण बताओ नोटिस दिए गए थे. लेकिन 51 दिन बीत जाने के बाद भी तीनों नेताओं पर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो माकन को इसका धक्का लगा.इस पर उन्होंने राजस्थान के प्रभारी पद छोड़ने का कदम उठाया है.

खिलाड़ी बैरवा ने कहा कि अब कांग्रेस आलाकमान को बिना इंतजार किए दोबारा विधायक दल की बैठक बुलानी चाहिए और जो भी राजस्थान के नेतृत्व में बदलाव आलाकमान करना चाहता है उसे भारत जोड़ो यात्रा से पहले करना चाहिए. बैरवा ने कहा कि अजय माकन को तकलीफ हुई और धक्का लगा है, जिसके चलते उन्हें इस तरह की बात करनी पड़ी.

खिलाड़ी लाल बैरवा का बड़ा बयान

बैरवा ने कहा कि 25 सितंबर को आज 51 दिन हो चुके हैं और आलाकमान जिन्हें इंचार्ज बना कर भेजता है वह तो खुद ही आलाकमान होते हैं. पर्यवेक्षक बनकर आए मलिकार्जुन खड़गे तो अब राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष भी बन चुके हैं. उन्हें पता है कि उस समय क्या पोजीशन हुई, किस तरह का ड्रामा रहा. दो-तीन घंटे तक सब लोग मुख्यमंत्री आवास पर इंतजार करते रहे. विधायक दल की बैठक नहीं होने पर आलाकमान ने यह माना कि इस मामले में तीन लोग दोषी हैं. लेकिन उन 3 लोगों के खिलाफ 51 दिन तक कार्रवाई नहीं हुई तो उसकी पीड़ा के चलते ही माकन ने यह कदम उठाया जो गंभीर मामला है.

अब तुरंत बुलाई जाए दोबारा विधायक दल की बैठकः खिलाड़ी लाल बैरवा ने अजय माकन के पद छोड़ने पर कहा कि इस घटना के बाद अब आलाकमान को चाहे तीनों नेताओं पर कार्रवाई करनी हो या इस्तीफों को लेकर निर्णय लेना हो वह तुरंत लेना चाहिए. कांग्रेस के विधायकों के इस्तीफे के बाद पूरी राजस्थान कांग्रेस का एक मजाक बन गया है. समझ में नहीं आ रहा है कि यह स्थिति क्यों हुई है. बैरवा ने कहा कि राजस्थान में चुनाव में 1 साल से कम का समय बचा है और आलाकमान को जो बदलाव करना है वह राहुल गांधी की यात्रा से पहले एक झटके से बिना चिंता किए करना चाहिए. बैरवा ने कहा कि कांग्रेस आलाकमान जिन लोगों को चाहता हैं ओर जिन्हें बदलना चाहता है, उन लोगों को लाने के लिए तुरंत प्रभाव से बदल देना चाहिए. अजय माकन के पद छोड़ने से इसी बात की पीड़ा झलक रही है कि जो खुद हमारे आलाकमान कहलाते हैं, उनको भी यह याद दिलाना पड़ा कि 51 दिन तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. इस पीड़ा को रखते हुए ही उन्होंने यह कहा है कि मुझे राजस्थान से बिल्कुल अलग कर दिया जाए. मैं इसमें भागीदारी नहीं निभा पाऊंगा. खिलाड़ी बैरवा ने तुरंत प्रभाव से दोबारा विधायक दल की बैठक बुलाने की मांग करते हुए कहा कि अब विधायकों को बुलाकर आलाकमान को वन टू वन बात करनी चाहिए. विधायकों से पूछना चाहिए कि तुम कैसे जीत कर आओगे ओर आपकी राय क्या है?. उन्होंने कहा कि विधायक दल की बैठक तुरंत करनी चाहिए. राहुल जी की यात्रा से पहले विधायकों का मन टटोलना जरूरी है. अगर यह काम होगा तो यह यात्रा ऐतिहासिक होगी, नहीं तो पता नहीं किस के मन में क्या टीस है. खिलाड़ी बैरवा ने कहा कि कांग्रेस के घर के मुखिया जो इतनी बड़ी यात्रा निकाल रहे हैं, क्या किसी राज्य में इतनी बड़ी पेंडेंसी चल रही है, उसको ठीक नहीं करना चाहिए?. बैरवा ने जोर देकर कहा कि राहुल गांधी की यात्रा से पहले विधायक दल की बैठक भी होनी चाहिए और जो भी बदलाव की पेंडेंसी चल रही है उसे भी पूरा करना चाहिए. क्योंकि राजस्थान में कांग्रेस का आम कार्यकर्ता और नेता असमंजस की स्थिति में है. जिसे केवल आलाकमान मिटा सकता है और वह असमंजस हम विधायकों से बात करके ही मिटाया जा सकता है. राजेंद्र गुढ़ा के बयान पर यह बोले बैरवाः वहीं मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने जो बयान दिया था कि अगर राजस्थान में सचिन पायलट को मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया तो कांग्रेस के विधायक फॉर्च्यूनर में आने जितनी संख्या में ही आएंगे. इस बयान को लेकर खिलाड़ी लाल बैरवा ने कहा कि राजेंद्र गुढ़ा के मन की सोच की बात इसलिए थी कि उन्हें लगा बदलाव नहीं होगा. लेकिन राजस्थान में बदलाव होगा और कांग्रेस की सरकार आएगी. खिलाड़ी बेरवा ने कहा कि राजेंद्र गुढ़ा तो केवल इस आकलन से कह रहे हैं कि वर्तमान नेतृत्व से पहले 21 विधायक रह गए थे. वह आंकड़ा उसी नेतृत्व के आधार पर 21 की संख्या को देखते हुए उन्होंने बताया था.

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