बीकानेर,वैसे तो पूरे देश-दुनिया में बीकानेर को अपने अलग अंदाज के लिए जाना जाता है. अपने नमकीन के तीखेपन और रसगुल्ले की मिठास के लिए भी इस शहर की अलग पहचान है. बीकानेर की यही पहचान अब शेयर बाजार में बीकाजी के रूप में बुधवार को सूचीबद्ध हुई है.
बीकानेर. आज ग्लोबल मार्केट में बीकानेर की भुजिया की अलग पहचान है. सामान्य तौर पर एक भट्ठी से भुजिया के कारोबार की शुरुआत हुई थी लेकिन यह एक ग्लोबल ब्रांड के साथ अब शेयर मार्केट में सूचीबद्ध हो जाएगा इसकी कल्पना शायद नहीं की गई थी. बुधवार को बीकानेर की स्थापित कंपनी बीकाजी भारतीय शेयर मार्केट में सूचीबद्ध हो गई है. मुंबई स्टॉक एक्सचेंज में कंपनी के सूचीबद्ध होने के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में कंपनी के प्रबंध निदेशक शिवरतन अग्रवाल निदेशक दीपक अग्रवाल के साथ बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे. इस दौरान बीकानेर से रमेश अग्रवाल सहित कई अन्य लोग मौजूद रहे.
रियासतकाल से अब तक का सफर
बीकानेरी भुजिया देश में एक खास पहचान रखती है. इसका कारण है यहां की हवा-पानी और मौसम. करीब डेढ़ सौ साल पहले रियासत काल के समय कुछ लोगों ने इस रेसिपी को इजाद किया और धीरे-धीरे उसमें बदलाव करते हुए उसकी कई वैरायटी सामने आई. आज पूरी दुनिया में नमकीन की अलग-अलग वैरायटी में बीकानेरी भुजिया खास पहचान रखती है. रियासत काल में बीकानेरी भुजिया को प्रोत्साहन मिला और उस समय तत्कालीन महाराजा डूंगरसिंह ने इसके जायके को पहचाना. यही कारण है कि बीकानेरी भुजिया की एक वैरायटी आज डूंगरशाही भुजिया के नाम से भी जानी जाती है.
बीकाजी शेयर बाजार में सूचीबद्धहल्दीराम ने दिलाई पहचान
दरअसल इस बात में कोई संदेह नहीं है कि रियासतकाल के समय ही बीकानेरी भुजिया का इजाद हो गया था. बीकानेरी भुजिया को व्यापार के रूप में अपनाने और इसे पहचान दिलाने का श्रेय हल्दीराम अग्रवाल को जाता है. आज से करीब 85 साल पहले बीकानेर में एक छोटी सी दुकान में एक भट्ठी लगाकर हल्दीराम अग्रवाल भुजिया बनाया करते थे और आज उन्हीं के वंशज शिवरतन अग्रवाल और उनके भाई बीकानेर ही नहीं बल्कि देश और दुनिया के कई देशों में अपने ब्रांड को स्थापित कर चुके हैं.
मिलेगा प्रोत्साहन और बढ़ावा
दरअसल शेयर मार्केट में बीकाजी की कंपनी के सूचीबद्ध होने से निश्चित रूप से उद्योग को लेकर एक नई सोच सामने आएगी और आने वाले दिनों में इस इंडस्ट्री को भी इसका लाभ होगा. हालांकि बीकानेर में मैन्युफैक्चरिंग करने वाली कई यूनिट आज अच्छे मुकाम पर हैं लेकिन बीकानेर से बाहर कई बड़ी यूनिट्स अपना माल बीकानेर में तैयार करवाते हैं और पैकेजिंग के साथ बेचते हैं लेकिन उनका बीकानेर से सीधा जुड़ाव नहीं है लेकिन अब कई बड़ी कंपनियां सीधे बीकानेर में भी अपनी यूनिट स्थापित कर इस ओर रुख कर सकती हैं.
भरोसा,शेयर बाजार में बीकाजी के सूचीबद्ध होने के अवसर पर मुंबई में आयोजित कार्यक्रम में कंपनी के प्रबन्ध निदेशक शिवरतन अग्रवाल और निदेशक दीपक अग्रवाल ने भी बीकाजी की विकास यात्रा का जिक्र करते हुए सभी का आभार जताया. वहीं कंपनी के निदेशक दीपक अग्रवाल ने कहा कि उनके पिता शिवरतन अग्रवाल ने 1983 में बीकाजी की शुरुआत की थी और उनका लक्ष्य हमेशा अच्छा उत्पाद बनाना रहा और आज यही कारण है कि पूरे देश के साथ दुनिया के 35 देशों में बीकाजी के उत्पाद की डिमांड है. शेयर बाजार में कंपनी के लिस्टेड होने पर दीपक अग्रवाल ने निवेशकों और सहयोगियों को कंपनी के हर दिन बेहतर करने का भरोसा दिलाया.
पहली पूर्ण बीकानेरी कंपनी
वैसे तो शेयर बाजार में बीकानेर से ताल्लुक रखने वाले राधाकिशन दम्माणी की डी मार्ट एवेन्यू सुपरमार लिस्टेड है. राधाकिशन दम्माणी का जन्म बीकानेर में हुआ और बचपन भी यहीं बीता लेकिन उनका कारोबार बाहर ही रहा. वहीं बीकानेर में स्थापित बीकाजी बीकानेर की पहली ऐसी कंपनी है जो शेयर बाजार में सूचीबद्ध हुई है.