बीकानेर,कांग्रेस अगर नया फार्मूला लाएगी तो कई दिग्गज नेताओं पर गाज गिरेगी. कांग्रेस अपने अस्तित्व को बचाने के लिए युवाओं को मौका दे सकती है.राजस्थान में बनते-बिगड़ते राजनीतिक समीकरणों के बीच बार-बार सरकार को बचाने और अपनों को ही मनाने की जंदोजहद के बीच कांग्रेस नए फार्मूले ला रही है. राजनैतिक गलियारे में ये बात आम हो रही है कि उम्रदराज नेताओं को आराम दिया जाएगा और युवाओं को आगे लाया जाएगा. संगठन को मजबूत करने में भी युवाओं की भागीदारी अहम रहने वाली है.राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा भी कहीं ना कहीं पार्टी को मजबूत करने की दिशा में अहम साबित हो रही है.
ऐसे में कोटा संभाग की राजनीति भी अपने नए रूप में नजर आएगी. यदि कांग्रेस अपने अस्तित्व को बचाने के लिए युवाओं को मौका देगी तो कोटा संभाग के बडे नेताओं पर भी गाज गिर सकती है. ऐसा होगा या नहीं, बड़े दिग्गज इस नियमों को लाने देंगे या नहीं ये कहना जल्दबाजी होगा, लेकिन यह भी देखा जा रहा है कि उम्रदराज नेता अभी से अपने वारिसों को कमान सौंपने के लिए तैयार कर रहे हैं.कांग्रेस के इस कद्दावर नेता को देखा जा रहा
चुनाव के आने में महज एक साल बचा है और अभी से तैयारियां शुरू हो गई है. कुछ साल पहले जिसे कोई नहीं जानता था आज वह मंच सांझा कर रहे हैं. कोटा से सबसे बड़ा नाम यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल का है. उम्र अधिक होने से कई जगह परेशानियां आती है, लेकिन अपनी शैली के लिए वह आज भी जाने जाते हैं. अशोक गहलोत के सबसे करीबी कहे जाने वाले धारीवाल संकट मोचन हैं. ऐसे में कांग्रेस ने युवाओं को मौका दिया तो उनके बेटे अमित धारीवाल अब चुनाव के लिए तैयार हो रहे हैं. कई जगह उद्घाटन, कार्यक्रमों में शिरकत करना, दीपावली स्नेह मिलन के बहाने घ-घर सम्पर्क करना, अपनी अलग ही युवाओं की टीम को तैयार करने का सिलसिला जारी है. यदि शांति धारीवाल की उम्र आढे आई तो अमित धारीवाल विकल्प के रूप में तैयार हैं.इन नेताओं का राजनैतिक कैरियर भी दांव पर
इसके साथ ही पिपल्दा विधायक राम नारायण मीणा की भी उम्र अधिक हो रही है. इधर सांगोद विधायक भरत सिंह भी चुनाव लड़ने योग्य नहीं होंगे. हालांकी उन्होंने चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया है. ऐसे में यहां नया चेहरा क्या होगा ये कहना जल्दबाजी होगी लेकिन नेताओं का रटा-रटाया जवाब होता है कि पार्टी कहेगी तो काम तो करना पड़ेगा और टिकट पाने में अपना पूरा जोर लगा देते हैं. ऐसे ही लाडपुरा से तीन बार चुनाव हार गए नईमुद्दीन गुड्डू के पुत्र मोइजुद्दीन गुड्डू तैयारी कर रहे हैं. वह अभी बनियानी के सरपंच और सरपंच संघ के जिलाध्यक्ष हैं, वो युवा हैं और पढे-लिखे हैं. साथ ही वो सभी समाजों को साधने का प्रयास करते हुए आगे की राजनैतिक करियर बनाने का प्रयास कर रहे हैं.युवाओं को आगे लाने की उठी मांग
कांग्रेस कोटा देहात अध्यक्ष सरोज मीणा ने एक बार फिर से सचिन पायलट का नाम लेकर खुले मंच पर कहा कि युवाओं को आगे लाना चाहिए, पार्टी में संगठन मजबूत होगा तभी सरकार बनेगी. सरोज मीणा ने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान में प्रवेश करे उससे पहले ही यहां युवाओं को कमान सौंप दी जानी चाहिए, चाहे सत्ता की बात हो या संगठन की, संगठन से ही सरकार है. उन्होंने कहा कि यदि युवाओं को मौका नहीं मिला तो राजस्थान में सरकार बनाना मुश्किल हो जाएगा. आलाकमान को जल्द ही निर्णय लेना चाहिए.