बीकानेर,राजस्थान में कांग्रेस के सियासी संकट में भले ही बयानबाजी थम गई हो लेकिन खींचतान की चिंगारी अभी भी सुलग रही है. बीते दिनों सचिन पायलट के अशोक गहलोत पर सीधा हमला करने के बाद एक बार फिर राजनीतिक गलियारों में दोनों खेमों की ओर से शांति फैल गई है.इसी बीच हाल में गांधी परिवार के करीबी नेताओं में माने जाने वाले आचार्य प्रमोद कृष्णम के एक ताजा बयान ने फिर से सियासी सरगर्मियां तेज कर दी हैं. कृष्णम ने कहा कि राजस्थान को लेकर आलाकमान जल्द फैसला लेगा और राजस्थान को बहुत जल्द अच्छा सवेरा देखने को मिलेगा.
आचार्य प्रमोद ने एक के बाद एक कई ट्वीट्स को रि-ट्वीट किया जिसके बाद राजस्थान में एक बार फिर नेतृत्व बदलने के संकेत मिलने लगे और और प्रमोद के बयान से साफ दिखाई देता है कि आने वाले दिनों में गहलोत की जगह पायलट को कमान सौंपी जा सकती है. मालूम हो कि आचार्य प्रमोद सचिन पायलट के समर्थक हैं और पहले भी कई बार ऐसे बयान दे चुके हैं.
वहीं इधर सितंबर के सियासी घटनाक्रम के बाद गहलोत गुट के विधायकों की बगावत और गहलोत की माफी के बाद आलाकमान की ओर से कोई भी एक्शन नहीं लिया गया है और 3 नेताओं को नोटिस जारी किए जाने के बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है.पायलट की पैरवी करते रहे हैं आचार्य प्रमोद कृष्णम
बता दें कि कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी के करीबी नेताओं में गिने जाते हैं और वह कई बार खुले तौर पर सचिन पायलट को राजस्थान का मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर चुके हैं. ऐसे में पायलट खेमे से किसी बाहरी नेता का बयान आना अहम माना जा रहा है.
हालांकि राजस्थान के नेताओं की तरफ से कृष्णम के बयान को लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. हालांकि इस बयान के बाद कयासबाजी तेज हो गई है कि जल्द ही कोई फैसला पायलट के हक में आ सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि लीडरशिप बहुत जल्दी बड़े फैसले करने जा रहा है और कांग्रेस का हर विधायक कांग्रेस के नेतृत्व के फैसले के साथ खड़ा हुआ है.
नए सवेरे के क्या मायने ?
आचार्य प्रमोद कृष्णम के नए सवेरे के बयान को फौरी तौर पर डिकोड करें तो पता चलता है कि वह राजस्थान में चेहरा बदलने की बात कह रहे हैं और कांग्रेस आलाकमान का फैसला जल्द ही सचिन पायलट के समर्थन में कोई फैसला सुनाने जा रहा है. हालांकि इसी बीच यह भी खबरें हैं कि गुजरात चुनाव से पहले आलाकमान राजस्थान के मामले को होल्ड ही रखना चाहता है.
बताया जाता है कि सितंबर महीने में आलाकमान ने राजस्थान का मुख्यमंत्री बदलने को लेकर मानस बनाया था लेकिनगहलोत के करीबी विधायकों ने खेल कर दिया. वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के कुछ नेताओं का कहना है कि पार्टी का उत्तर प्रदेश में नुकसान करने वाले कुछ नेता अब राजस्थान में भी पार्टी को कमजोर करने की साजिश कर रहे हैं जिस कड़ी में प्रमोद कृष्णम का बयान है.गहलोत पर हाईकमान का रुख स्पष्ट !
इसके अलावा कांग्रेस के नेता राहुल गांधी इन दिनों भारत जोड़ो यात्रा निकाल रहे हैं और हाल में गहलोत सरकार की योजनाओं की खुलकर तारीफ कर चुके हैं. वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मुख्यमंत्री गहलोत को बदलने के कोई संकेत नहीं दिए हैं ऐसे में जानकारों का कहना है कि खुद को चर्चा में बनाए रखने के लिए ऐसे बयान दिए जा रहे हैं.
वहीं कुछ इसे बीजेपी की साजिश मानते हुए कहते हैं कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पुरानी पेंशन बहाली समेत कई योजनाएं राष्ट्रीय मुद्दा बन गई है और सीएम आने वाले महीनों में एक और बजट पेश करने जा रहे हैं.