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बीकानेर,अगस्त और सितंबर में कम बारिश के कारण इस बार राज्य में ग्वार की फसल कमजोर हुई है. फसल खराब होने के कारण पिछले 10 दिनों से ग्वार की कीमतों में 700 रुपये प्रति क्विंटल और गोंद में 2000 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि हुई है।सोमवार को ग्वार की कीमतों में 300 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि हुई। बढ़ती कीमतों को देखते हुए किसानों ने बाजार में ग्वार की फसल का उत्पादन कम कर दिया है।

आमतौर पर इन दिनों ग्वार की एक लाख बोरी बाजार में आती है, लेकिन पिछले 10 दिनों में 50 से 52 हजार बोरी ही बाजार में आ रही है. व्यापारी बाबूलाल सारस्वत का कहना है कि अरब और यूरोपीय देशों में लगातार बढ़ती मांग के कारण कीमतें बढ़ रही हैं। 10 दिनों से लगातार बढ़ती कीमतों को देखकर किसानों ने अपनी उपज बंद कर दी है। गौरतलब है कि भारत से 80 प्रतिशत ग्वार और उससे जुड़े उत्पाद यूरोपीय देशों के अलावा सऊदी अरब, रूस, अमेरिकी देशों में भेजे जाते हैं। पाकिस्तान और सूडान से 20 प्रतिशत ग्वार भी इन देशों में जाता है, लेकिन वहां बारिश कम होने के कारण वहां से ग्वार नहीं भेजा जा रहा है. इसलिए ग्वार के दाम बढ़े हैं।

इस बार ग्वार की अब तक 15 लाख बोरी बाजार में आ चुकी है। 1 अक्टूबर से बाजार में ग्वार की फसल आनी शुरू हो गई थी। 10 दिन पहले तक 90 हजार से ज्यादा बारियां आ रही थीं, लेकिन दिवाली के बाद जैसे ही इसकी कीमत बढ़ने लगी, किसानों ने फसल का उत्पादन कम कर दिया। अब रोजाना 50 हजार बोरी तक आ रही है।10 साल पहले यानी 2012 में ग्वार की कीमत 30,000 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गई थी। उस समय ग्वार गम की कीमत एक लाख रुपये तक पहुंच गई थी। कीमतों में अचानक वृद्धि के कारण किसान अमीर हो गए थे। दो साल तक राजस्थान के ज्यादातर किसानों ने सबसे ज्यादा ग्वार की बुवाई की थी, लेकिन धीरे-धीरे ग्वार फिर से 4,000 रुपये प्रति क्विंटल हो गया।

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