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बीकानेर,2018 लम्बित बीकानेर गोचर भूमि से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरु हो गई है। यह कार्रवाई संभागीय आयुक्त डॉ. नीरज के. पवन के आदेश के बाद की जा रही है। जिसके बाद गोचर संरक्षण और विकास में लगी संस्थाएं और सेवाभावी लोग ख़ुशियां मना रहे हैं। आज ब्यूरोक्रेसी की जो हालत है, उसके इतर संभागीय आयुक्त ने ब्यूरोक्रेट के रूप में जनता का विश्वास हासिल किया है। अगर वे एक्शन में नहीं आते गोचर से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई संभव नहीं हो पाती। संभागीय आयुक्त ने शिष्ट मंडल को जो वादा किया था, उसे पूरा कर दिखाया। यह कहना अतिशयोक्तिपूर्ण नहीं होगा कि संभागीय आयुक्त की सक्रियता से बीकानेर में पहली बार किसी जिम्मेदार संभागीय आयुक्त की छवि बनी है।

उसी तरह देवी सिंह भाटी ने गोचर सुरक्षा का वर्षों से काम करने वाले संगठनों और लोगों को नेतृत्व देकर जो काम किया है, वो उनके द्वारा किए गए कार्यों में से एक है। भाटी में गोचर विकास का माद्दा है। वे गोचर की चार दीवारी बनाने, कब्जे हटाने और जनता को जोड़कर गोचर का विकास करने की नेतृत्व क्षमता रखते हैं। भाटी गोचर के मुद्दे पर अडिग है तो जनता भी इस मुद्दे पर उन्हें सिर आंखों पर बिठाए हुए हैं। गोचर से अतिक्रमण हटाने को लेकर भाटी अड़े रहे और संभागीय आयुक्त ने भी कार्रवाई कर जनता का विश्वास जीत लिया। इस काम के लिए भाटी और नीरज, आप दोनों को गोचर रक्षकों की ओर से सलाम।
दरअसल गोचर से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई कोई सार्वजनिक संपदा की सुरक्षा तक का मामला नहीं है। यह जनता और गोचर आंदोलन जुड़े सैकड़ों कार्यकर्ताओं की भावनाओं का सम्मान था, जो चाहते हैं कि गोचर सुरक्षित रहे। इसके उलट, जनहित के मुद्दे और गोचर की सुरक्षा, संवर्धन और विकास की मंशा रखने और राजनीति करने वालों की सूची बनाएं तो काफी मशक्कत ही करनी पड़ेगी।
खैर, अतिक्रमण हटाने के अभियान के पहले चरण में 21 अतिक्रमण हटाए गए। इससे 150 बीघा गोचर की जमीन खाली हुई है। सुजानदेसर की गोचर में राजस्व विभाग की ओर से 124 अतिक्रमण चिन्हित है। इनको हटाने की कार्रवाई अगले चरणों में की जानी  है। वैसे सरेह नथानिया, भीनासर गोचर चारागाह पर भी हुए अतिक्रमणों में कार्रवाई वांछित है। संभागीय आयुक्त ने तो शिष्ट मंडल के समक्ष अधिकारियों को जिले भर में गोचर से अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए थे। जिला कलक्टर और अतिरिक्त कलक्टर (प्रशासन) उस वक्त मौजूद थे। आगे-आगे क्या होता है, समय ही बतायेगा। वैसे, जो जानने वाली बात है वो यह कि गोचर से हजारों लोगों की भावनाऐं जुड़ी हुई है। वैसे, भाटी और संभागीय आयुक्त जो कर रहे हैं, उसे पीढ़ियां याद रखेंगी।

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