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बीकानेर,उत्तर-पश्चिम रेलवे के जयपुर और बीकानेर मंडल का रेलवे खंड कोहरे से सबसे ज्यादा प्रभावित है। इसने उत्तर-पश्चिम रेलवे पर कोहरे की आशंका वाले खंडों की पहचान पहले ही कर ली है।कोहरा प्रभावित स्टेशनों पर दृश्यता परीक्षण वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। दृश्यता परीक्षण वस्तु का उपयोग करके स्टेशन पर दृश्यता की जाँच की जाती है। इसके साथ ही घने कोहरे में चल रही सभी रेल सेवाओं के लोको पायलटों को फॉग सेफ्टी डिवाइस मुहैया कराए जा रहे हैं।

उत्तर पश्चिम रेलवे पर 877 फॉग सेफ्टी डिवाइस उपलब्ध हैं। इन सभी में धुंध भरे रेलवे सेक्शन की जीपीएस मैपिंग की गई है। सीपीआरओ कैप्टन शशि किरण ने बताया कि रेलवे ने फॉग सेफ्टी डिवाइस के अलावा ट्रैक पर शिफ्ट वाइज पेट्रोलिंग भी शुरू कर दी है.

इस तरह डिवाइस काम करता है
जयपुर व बीकानेर संभाग में कोहरे की अधिकता के कारण यहां सर्वाधिक कोहरा सुरक्षा उपकरणों का प्रयोग किया जाता है। यह डिवाइस इंजन पर लगा होता है। डिवाइस चालू होने के बाद, जीपीएस सिस्टम लोको पायलट को उस सेक्शन में स्थित सभी सिग्नलों की दूरी के बारे में पहले से सूचित कर देता है। धुंध भरे रेल खंड में स्टेशनों, समपार फाटकों तथा पूर्व चिन्हित स्थानों पर डेटोनेटर (पटाखों) की आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है।

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