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बीकानेर,इंदिरा गांधी नहर से जुड़े हजारों किसानों को प्रतिदिन पानी की उपलब्धता की रिपोर्ट दी गई। “स्काडा” नामक परियोजना के तहत किसान अपने मोबाइल पर आसानी से पता लगा सकता था कि नहर में पानी कहां पहुंचा है।हाल ही में सरकार ने “SCADA” को बंद कर दिया और यह सारी जानकारी अपनी वेबसाइट पर उपलब्ध करा दी। ऐसे में अनपढ़ किसानों के लिए वेबसाइट सर्च करना मुश्किल हो गया है. नतीजा यह होता है कि किसान को पता ही नहीं चलता कि बारी की परवाह किए बिना उसके खेत में पानी आएगा या नहीं।

दरअसल, स्काडा परियोजना के तहत किसान को चौबीसों घंटे यह जानकारी मिलती रहती थी कि इंदिरा गांधी नहर की मुख्य नहर के अलावा आरडी कितना पानी पहुंचा है. इससे तय हुआ कि इतने दिनों बाद पानी खेत में पहुंचेगा। इस बीच किसान की पहुंच से “स्काडा” हटा दिया गया। कई महीनों से किसान को कहीं से भी पानी की जानकारी नहीं मिल रही थी. हाल ही में किसानों ने संभागायुक्त नीरज के. ने पवन से संपर्क कर कहा था कि पानी की उपलब्धता की पारदर्शी व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया है. इस पर पवन ने नहर एवं सिंचाई विभाग के आला अधिकारियों को तलब किया। फिर यह जानकारी कमांड एरिया डेवलपमेंट (सीएडी) की आधिकारिकनई व्यवस्था से किसान पूरी तरह अनभिज्ञ है। अगर विभाग ने यह जानकारी मोबाइल एप बनाकर दी होती तो किसान एप डाउनलोड कर लेते, लेकिन वेबसाइट में सेक्शन ढूंढकर पानी की जानकारी मिलना मुश्किल है। ऐसे में किसानों की मांग है कि वहां एप बनाकर इसकी जानकारी दी जाए। अभी कागजी लिखित रिपोर्ट छवि प्रारूप में यहां अपलोड की जाती है। खराब लिखावट के कारण समझ नहीं आ रहा है कि कितना पानी आ रहा है। वेबसाइट पर शुरू की गई।

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