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बीकानेर,श्रीकोलायत की राजनीति का निष्पक्ष विश्लेषण करें तो तस्वीर के कई पहलू सामने आते हैं। सात बार देवी सिंह भाटी और दूसरी बार भंवर सिंह भाटी इस विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। भंवर सिंह भाटी पहली बार मंत्री बने हैं। बेशक अशोक गहलोत सरकार की नीतियों के चलते पूरे राजस्थान में, शिक्षा, चिकित्सा, पेयजल, बिजली, सड़क आदि आधारभूत संसाधनों का विकास हुआ है। श्रीकोलायत विधानसभा क्षेत्र में आजादी के बाद पहली बार एक साथ इतने संसाधनगत विकास कार्य हुए हैं। बेशक इसका श्रेय भंवर सिंह भाटी को जाना लाजमी है। मंत्री के रूप में भंवर सिंह भाटी अपने विधानसभा क्षेत्र के विकास में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। कामों को सरकारी जन संपर्क विभाग ने खूब प्रचारित किया। अगर पीआरओ का रिकार्ड देखें तो एक एक काम को अलग अलग रूपों में कई कई बार प्रचारित कर भंवर सिंह भाटी की छवि बनाने की कोशिश की गई। इस छवि के इतर देवी सिंह भाटी ने संभागीय आयुक्त की उपस्थिति में जिला प्रशासन के सामने हालात की दूसरी तस्वीर रखी। श्रीकोलायत और गजनेर लिफ्ट नहर में लीकेज से किसानों को पर्याप्त पानी नहीं मिलने, पानी सात रोजा की बजाय पांच रोजा मिलने। खराब हैंड पंप ठीक करने और स्वीकृत ट्यूबवेल बनाने। जले ट्रांसफार्मर समयबद्ध नहीं बदलने, ढीले टूटे तार ठीक नहीं होने, करंट से मृत्यु होने, बज्जू और श्रीकोलायत में अग्नि शमन केंद्र स्थापित करने के मुद्दे रखे। गोचर से अतिक्रमण हटाने के 2012 से 2021 के निर्णयों पर कार्रवाई, सर्वेक्षण और वार्ताओं में हुए निर्णय लागू करने की बात आयुक्त डा. नीरज के. पवन की उपस्थिति में जिला कलक्टर और प्रशासन के सामने रखी। राजस्थान सरकार के मंत्री के क्षेत्र में इन समस्याओं को वाजिब मानकर प्रशासन ने कार्रवाई का वादा किया है। यह श्रीकोलायत की दूसरी तस्वीर है।
एक पत्रकार को अगर अपने पेशे के एथिक्स की चिंता है तो जनता क्या सोचती उसको भी महत्व देना ही चाहिए। श्रीकोलायत में प्रशासन और व्यवथा पर सत्तासीनों और समर्थकों का कब्जा है। आम आदमी की कोई सुनने वाला नहीं है। चाहे पंचायत समिति हो या प्रशासन का कोई विभाग मंत्री और मंत्री समर्थकों का कॉकस, दलाल, खनन माफिया, भू माफिया, रॉयल्टी और टोल वसूली का राज बेधड़क चल रहा है। जब मुख्यमंत्री बीकानेर आए तो इस आशय की शिकायतों पर एक बारगी कार्रवाई भी हुई। अब सत्ता का यह खेल यथावत चल रहा है। यह हुई जनता की बात। सत्ता की चकाचौंध में मंत्री जिस कॉकस से घिरे हैं उसके बाहर की ताकत अनदेखी है। चापलूस, स्वार्थ पूरे करने वाले, फायदा उठाने वाले और मंत्री को लाभ पहुंचाने वाले कॉकस यर्थाथ का सच सामने नहीं आने दे रहे हैं। श्रीकोलायत की राजनीति व्योम जाल और भ्रम का खेल बनी हुई है।

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