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बीकानेर,राजस्थान और एमपी में अधिक बारिश के चलते लाल मिर्च का उत्पादन प्रभावित हुआ है. इंदौर और मनावा में बारिश के चलते मिर्च की फसल खराब हो चुकी है. इसी कारण मिर्च के भावों में तेजी देखने को मिल रही है.

खाने का जायका बढ़ाने वाली मिर्ची अब आपके रसोई का बजट खराब करने वाली है. क्योंकि लाल मिर्च के भाव में काफी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. इस बार मिर्च की फसल में कीड़े लगने के साथ राजस्थान और मध्यप्रदेश में अधिक बारिश के कारण मिर्च का उत्पादन काफी प्रभावित हुआ हैं. जिसके चलते बाज़ार में लाल मिर्च की उपलब्धता कम हुई है. इसी कारण सूखी लाल मिर्च का भाव काफी बढ़ गया है. मिर्च मण्डी में पिछले साल के मुकाबले इस साल मिर्च के भाव दुगने हो गये हैं.

अभी बाजार में 400 रुपए प्रति किलो के भाव से बिक रही लाल मिर्च
मध्यप्रदेश से जो देशी मिर्ची आती है उसे राजस्थान में बहुत पसंद किया जाता है. इस बार इस मिर्च की पैदावार मात्र बीस प्रतिशत ही हुई है. धामनोर, बेहिरया, इंदौर, मनावा आदि क्षेत्रों में बारिश के दौरान पानी गिरने से फसल खराब हो चुकी है. इसी कारण मिर्च के भावों में तेजी देखने को मिल रही है. लाल मिर्च अभी बाजार में 400 रुपए प्रति किलो के भाव से बिक रही है. लेकिन ग्राहकों को जो क्वालिटी चाहिए वह नहीं मिल रही है. माना जा रहा है कि मिर्च के भाव अभी और भी बढ़ सकते हैं.

मंडी व्यापारियों का मानना है कि इस समय भावों में गिरावट होने चाहिए थी. पर इसके उलट भाव और बढ़ गए हैं साथ ही व्यापार मंदा हो गया है. बाजार में अभी जो मिर्ची के भाव चल रहे हैं वो अब तक के सर्वोच्च शिखर पर हैं. इतनी महंगी मिर्च कभी नहीं बिकी. मिर्च के रेटों में गिरावट को लेकर संभवना तो जताई जा रही है लेकिन ये दिसंबर से पहले संभव नहीं है. माना जा रहा है कि अगले महीने आंध्र प्रदेश के गुंटूर से मिर्च की नई पैदावार आने के बाद ही रेटों में कमी संभव हो पाएगी.

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