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चूरू, पशुपालन विभाग चूरू के सहायक निदेशक डॉक्टर अशोक शर्मा पीड़ित पशुओं का उपचार करवाने की बजाय बचकानी बातें कर रहे हैं। मिली जानकारी के अनुसार हाउसिंग बोर्ड चूरू की गली नंबर 9 में पिछले 1 माह से जिम्मी नाम का एक श्वान गंभीर रूप से घायल है। गली व आसपास के लोग उसकी देखभाल कर रहे हैं। यहां पत्रकार शिवनंदन शर्मा ने एक माह पहले जिम्मी नामक श्वान को गंभीर रूप से घायल अवस्था में देखा। उन्होंने अपने स्तर पर उसका उपचार शुरू किया और उसके खाने पीने की व्यवस्था की। जिम्मी के एक पांव में गहरा घाव है। जीव प्रेमी हिमांशु चौधरी ने तीन सौ रुपए की दवा आदि मंगवा कर दी। भंवरलाल मेघवाल ने दर्द निवारक विदेशी तेल लगाया। उसके बाद भी श्वान के पांव में लगी चोट को कोई फायदा नहीं हुआ। चार दिन पहले शिवनंदन शर्मा ने पशुपालन विभाग चूरू के सहायक निदेशक डॉ अशोक शर्मा को दूरभाष पर जिम्मी की पीड़ा व्यक्त की। पशुपालन विभाग चूरू के सहायक निदेशक डॉ अशोक शर्मा ने बचकाना जवाब देते हुए कहा कि किसी बच्चे को पशु चिकित्सालय भेज दीजिए और मेरी बात करवा देना मैं दवा दिलवा दूंगा। मजे की बात है कि उसके बाद पशुपालन विभाग के सहायक निदेशक डॉ अशोक शर्मा ने फोन ही अटेंड नहीं किया। जबकि पशुपालन विभाग के सहायक निदेशक को तत्काल किसी चिकित्सक को भेजना चाहिए था। सरकार उन्हें तनख्वाह देती है, दवा देती है, इसके अलावा बहुत बड़ा बजट देती है, वह कहां जाता है सब ? दूसरी तरफ शिवन्दन शर्मा ने बताया कि जिम्मी ने उनके कमरे में ही शरण ले रखी है। बदबू आती है लेकिन क्या करें, जीव को इस स्थिति में बाहर नहीं निकाल सकते हैं। पशुपालन विभाग के सहायक निदेशक को शर्म आनी चाहिए कि वे बच्चे को भेजने की बात कहते हैं। वे तनख्वा किस बात की लेते हैं। अब बच्चा कहां से लाएं? इतना ही नहीं वार्ड नंबर 1 की पार्षद के पति राजकुमार सैनी को भी अवगत करवाया लेकिन दुर्भाग्य इस बात का है कि नगर परिषद ने भी कोई तवज्जो नहीं दी। यहां हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी की गली नंबर 9 के निवासियों का कहना है कि यदि पशुपालन विभाग और नगर परिषद ने कोई उचित कदम नहीं उठाया तो वे घायल श्वान जिम्मी को लेकर कलेक्ट्रेट जाएंगे और उसे कलेक्टर सिद्धार्थ सिहाग के कक्ष में छोड़कर आएंगे।

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