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बीकानेर। संभाग की सरदारशहर सीट के लिये होने जा रहे उप चुनावों में टिकट की दावेदारी को लेकर भाजपा कांग्रेस में कलह शुरू हो गई है। दोनों ही पार्टियों में छह छह नेता टिकट की दावेदारी के लिये जोर आजमाइस में जुटे है। ऐसे में सियासी माहौल गरमाता जा रहा है। जानकारी में रहे कि कांग्रेस विधायक भंवरलाल शर्मा के निधन के बाद सरदारशहर विधानसभा सीट पर पांच दिसंबर को उपचुनाव होगा। उपचुनाव की घोषणा के साथ ही कांग्रेस और बीजेपी से दावेदारों के नाम सामने आने लगे हैं। कांग्रेस से जुड़े सूत्रों के अनुसार दिवंगत विधायक भंवरलाल शर्मा के परिवार से ही तीन दावेदार टिकट मांग रहे है। इनमें भंवरलाल शर्मा की पत्नी मनोहरी देवी, बड़ा पुत्र अनिल शर्मा और भाई श्याम लाल शर्मा शामिल है। अनिल शर्मा अभी आर्थिक पिछड़ा वर्ग आयोग के चेयरमैन हैं। कांग्रेस के सामने एक संकट ये भी हैं कि परिवार में से कई दावेदार सामने आने से उनके चयन में परेशानी होगी और परिवार में फूट हुई तो फिर चुनाव लडऩे में मुश्किल भी आएगी। विधायक रहे भंवरलाल शर्मा के भाई श्यामलाल शर्मा ने भंवरलाल के जिन्दा रहते उनकी पत्नी मनोहरी देवी को पंचायत समिति के चुनाव में हराया था। ऐसे में श्याम लाल खुद को कांग्रेस का मजबूत दावेदार बताते हुए टिकट मांग रहे हैं। इनके अलावा सरदारशहर नगर पालिका चेयरमैन राजकरण और कर्नल शीशपाल सिंह पंवार समेत कांग्रेस की जाट लॉबी के कई नेताओं ने जातिगत समीकरणों के आधार पर टिकट के लिये दावेदारी पेश की है। अब पार्टी इन सब दावेदारों की ताकत देखकर फैसला करेगी। वहीं भाजपा में भी टिकट दावेदारों की फेहरिश्त लगातार लंबी होती जा रही है। इनमें पूर्व विधायक अशोक पींचा और पूर्व प्रधान सत्यनारायण सारण, सत्यनारायण झाझडय़िा, गिरधारी लाल पारीक, मधुसूदन राजपुरोहित और एडवोकेट शिवचंद साहू भी टिकट की दावेदारी के लिये एक दूसरे की कारसेवा करने में जुटे हुए है। चुनाव घोषित होते ही टिकट के लिये शुरू हुई खिंचतान के कारण कांग्रेस और भाजपा के रणनीतिकार पेशोपेश में फंसे हुए है।

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