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बीकानेर,जयपुर। प्रदेश में राज्य सरकार द्वारा 1 सितम्बर से स्कूलो को खोलने के आदेश पर संयुक्त अभिभावक संघ ने एक बार फिर राज्य सरकार पर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि ” प्रदेश के निजी स्कूल संचालक अंधे कानून, बेहरे प्रशासन और गूंगी सरकार की कमजोरियां का फायदा उठा लगातार अभिभावकों, छात्र-छात्राओं पर अनैतिक दबाव बना रहे है। ”

संघ के प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा कि डेढ़ साल से अभिभावक राज्य सरकार और निजी स्कूलों के गुहार लगा रहा है किन्तु ना स्कूल सुन रहे है ना सरकार सुन रही है। इसके अतिरिक्त मामला जब राजस्थान हाईकोर्ट में गया तो हाईकोर्ट के आदेशों की अवहेलना निजी स्कूलों द्वारा की गई और खुद राज्य सरकार द्वारा की है, उसके बाद जब मामला सर्वोच्च न्यायालय में पहुंचा और 03 मई 2021 को सर्वोच्च न्यायालय ने अपना अंतिम आदेश दे दिया तो अब निजी स्कूल संचालक उस आदेश की पालना भी सुनिश्चित नही कर रहे है और इस संदर्भ में राज्य सरकार और शिक्षा विभाग को शिकायत दर्ज करवा रहे है तो शासन और प्रशासन निजी स्कूलों के दबाव में आकर बेहरे, गूंगे बने बैठे है व अंधे कानून की नाजायज फायदा उठा रहे है।

*स्कूल खोलने के बाद 7 राज्यो में हालात बिगड़ रहे है, उसके बावजूद राज्य में 1 सितम्बर से स्कूल खोलना, बच्चों को मौत के मुंह मे झोंकने सामान*

प्रदेश उपाध्यक्ष मनोज शर्मा ने बताया कि राज्य सरकार ने 1 सितम्बर से स्कूल खोलने का निर्णय जल्दबाजी में लिया है और मंत्री समूह ने भी निजी स्कूलों के संरक्षक शिक्षा मंत्री जो कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष है के दबाव में आकर स्कूलो को खोलने की सिफारिश बनाकर मुख्यमंत्री को भेजी। जिसके बाद स्कूलो को खोलने के आदेश जारी हुए। राज्य सरकार का यह निर्णय बच्चों को मौत के मुंह मे झोंकने जैसा है राज्य सरकार के अन्य राज्यो की रिपोर्ट पर अपना ध्यान आकर्षित करना चाहिए था किंतु नही किया गया, कर्नाटक राज्य में स्कूल खोलने के बाद लॉकडाउन लगाने की स्थिति आ गई है। कुछ ऐसा ही हाल महाराष्ट्र के भी बन रहे है।

*वकीलों की मांगो का सेंशन कोर्ट पहुंचकर संयुक्त अभिभावक संघ ने दिया समर्थन, कहा – अभिभावक हो या अभिभाषक दोनों की नही सुन रही है सरकार*

प्रदेश विधि मामलात मंत्री एडवोकेट अमित छंगाणी ने बताया कि शुक्रवार को पिछले चार दिनों से सेशन कोर्ट परिसर में डिस्ट्रिक बार एसोसिएशन और वकीलों द्वारा ” एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट ” लागू करने की मांग को लेकर धरना दिया जा रहा है जिसके समर्थन में संयुक्त अभिभावक संघ के पदाधिकारियों ने कोर्ट परिसर में पहुंचकर अध्यक्ष सुशील शर्मा जी को अपना पूरा समर्थन दिया। प्रदेश अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश में अभिभावक हो या अभिभाषक दोनो की मांगों को दरकिनार किया जा रहा है, अभिभाषक न्याय के इन मंदिरों के पुजारी है, इनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी को लेकर बने एक्ट को लागू करना चाहिए

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