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बीकानेर,सौर कृषि आजीविका योजना (एसकेएवाई) को लेकर राजस्थान के किसानों में अच्छा रिस्पॉन्स देखने को मिल रहा है. योजना के तहत 7217 किसानों ने अपनी बंजर और अनुपयोगी भूमि पर सौर ऊर्जा संयत्रों यानी सोलर प्लांट की स्थापना के लिए एसकेएवाई पोर्टल पर पंजीकरण कराया है.इसके साथ ही 753 सौर ऊर्जा संयत्रों के विकासकर्ताओं ने भी पोर्टल पर पंजीकरण करवाया है. पोर्टल पर 34 हजार से अधिक लोगों ने विजिट किया है.

ऊर्जा विभाग के प्रमुख शासन सचिव भास्कर.ए.सावंत ने  वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से सौर कृषि आजीविका योजना के पोर्टल की शुरुआत के बाद अब तक हुई प्रगति की समीक्षा कर रहे थे. समीक्षा बैठक में जयपुर डिस्कॉम के प्रबन्ध निदेशक अजीत कुमार सक्सैना और अजमेर डिस्कॉम के प्रबंध निदेशक एनएस निर्वाण सहित कई लोग मौजूद रहे.

कब हुई थी योजना के पोर्टल की शुरुआत

राज्य के ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने 17 अक्टूबर, 2022 को सौर कृषि आजीविका योजना के पोर्टल (www.skayrajasthan.org.in) की शुरुआत की थी. यह पोर्टल किसानों एवं विकासकर्ताओं को बंजर/अनुपयोगी भूमि पर सौर ऊर्जा संयत्रों की स्थापना में मदद करेगा. भास्कर.ए.सावंत ने सर्किलवार अधीक्षण अभियन्ताओं से योजना की प्रगति के बारे में जानकारी प्राप्त की. इस योजना का प्रदेश के किसानों को अधिक से अधिक लाभ दिलाने के लिए सभी अभियन्ता समन्वय से कार्य करते हुए विषेष प्रयास करें.

योजना का क्या होगा फायदा?

इस योजना के तहत स्थापित होने वाले सौर ऊर्जा संयत्रों से सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि इनसे उत्पादित होने वाली बिजली आस-पास के क्षेत्र के किसानों को ही मिलेगी. उनको दिन के समय कृषि कार्य के लिए पर्याप्त बिजली उपलब्ध हो सकेगी. समीक्षा बैठक में बताया कि योजना की शुरुआत के बाद किसानों एवं विकासकर्ताओं का अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है. अब तक 34621 से अधिक लोगों ने योजना के पोर्टल को विजिट किया है.

मदद के लिए बनेगा हेल्प डेस्क

सावंत ने बताया कि किसानों व विकासकर्ताओं को योजना के बारे में जानकारी प्रदान के लिए जल्द ही डिस्कॉम स्तर पर डेडीकेटेड हेल्प डेस्क की स्थापना की जाएगी. जिसके नम्बर पर कार्यालय समय में किसान व विकासकर्ता कॉल करके और अधिक जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं.

उन्होंने बताया कि अलवर व जयपुर जिले के किसानों ने योजना में अधिक उत्साह दिखाया है. इसमें अलवर जिले में 3 और जयपुर जिले में 7 किसानों ने अपनी भूमि का पंजीकरण निर्धारित फीस के साथ विभिन्न जीएसएस के लिए कराया है.

पोर्टल पर जमीन के डाक्यूमेन्ट भी अपलोड कर दिए हैं. डिस्कॉम अधिकारियों द्वारा भूमि के सत्यापन के बाद इन जीएसएस के लिए डिस्कॉम द्वारा जल्द ही टेंडर जारी करने की प्रक्रिया की जाएगी.

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