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बीकानेर,यूं तो जेल कोई नहीं जाना चाहता। जेल की रोटी खाना शायद ही किसी को पसंद हो, मगर राजस्‍थान के नेताओं और अफसरों में तो इन दिनों जेल जाने की होड़ मची हुई है। ये जेल का भोजन करना पसंद कर रहे हैं।वो भी बिना किसी जुर्म के जेल में जाकर। असली वजह जानकार जेल प्रशासन की तरह आप भी चौंक जाओगे। राजस्‍थान की विभिन्‍न जेलों में हर साल करीब 200 नेता, अधिकारी, बिल्‍डर और कारोबारी खाना खाने के लिए जेल आ रहे हैं। खाना खाकर लौट जाते हैं। इसकी वजह भविष्‍य में जेल जाने के योग को टालने की कवायद बताई जा रही है।जेल जाकर रोटी खाने का नया ट्रेंड बन चुका
रिपोर्ट के अनुसार कुंडली में जेल योग लिखा होने के कारण नेता,अफसर आदि बिना किसी जुर्म के ही जेल पहुंचक कर वहां की रोटी खाते रहे हैं। बीते कुछ सालों से कुंडली को मानने वाले और कुंडली में जेल योग लिखे होने वालों के बीच जेल जाकर रोटी खाने का नया ट्रेंड बन चुका है।

जेल की दाल रोटी खाई और फिर यहां से चले गए हाल ही राजस्‍थान कांग्रेस नेता दौलत मीणा जयपुर जेल में खाना खाते नजर आए हैं। मीणा ने विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की टिकट पर भाग्‍य आजमाया था। कुंडली में जेल जाने का योग बनने के कारण मीणा जयपुर जेल पहुंचे और मुख्‍य द्वार पर प्रहरी से टोकन लेकर काउंटर के पास बनी मैस में जेल की दाल रोटी खाई और फिर यहां से चले गए।

कुंडली में लिखा कारागार योग खत्‍म हो जाएगा मीडिया से बातचीत में जेल अधीक्षक आर अनंतेश्‍वर ने बताया कि पैसे वाले लोग ज्‍योतिष की सलाह पर जेल आकर खाना मांगते हैं। इंसानियत के नाते जेल प्रशासन उनको खाना परोस देता है। कुछ लोगों में अंधविश्‍वास है कि जेल की रोटी खाने से उनकी कुंडली में लिखा कारागार योग खत्‍म हो जाएगा।

जनता की भलाई के लिए काम करना चाहते हैं कांग्रेस नेता दौलत मीणा ने बताया कि वे अक्‍सर केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते रहे हैं। सरकार मुझे किसी ना किसी मामले में फंसाकर जेल में डलवा सकती है। मीणा कहते हैं कि वे जेल से बाहर रहकर जनता की भलाई के लिए काम करना चाहते हैं। इसलिए जेल की रोटी खाई है।

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