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बीकानेर,मानव धर्म प्रचार सेवा संस्थान एवं श्रीगोपाल गोशाला महाजन के संयुक्त तत्वावधान मे”श्रीमद् भागवत सप्ताह कथा का वाचन बालसंत श्रीछैल विहारी महाराज के द्वारा गोशाला प्रांगण मे चल रहा हे। गोशाला संचालक निरंजन सोनी ने बताया कि “छठे दिवस भागवत पुजन संजय कुमार सोनम लखोटिया,,मोहनलाल इंद्रादेवी गोङ,कन्हैयालाल भंवरीदेवी स्वामी,रामेश्वरलाल राधादेवी ओझा ने सपत्नीक जोङे”से श्रीमद्भागवत पोथी पुजन ओर व्यास तिलक पन्ङित संदीप पुरोहित,श्याम नारायण पुरोहित, प्रभुदयाल शर्मा ओर नितेश महाराज ने विधि-विधान पूर्वक करवाया। तत्पश्चात छटवे दिवस की कथा वाचन करते हुए बालसंत श्रीछैल विहारी महाराज ने भगवान कृष्ण द्वारा गोपियो के साथ महारास रचाने की कथा की विस्तृत व्याख्या करते हुए बताया।”कि जीव रुपी गोपी ओर परमात्मा रुपी ईश्वर के विशुद्ध मिलन की लीला का नाम है महारास प्रसंग”।।बालसंत ने कहा कि भगवान की महारास लीला को काम की लीला समझने वाले पाप के भागी बनते हे।। बालसंत ने कहा कि भगवान की ऐसी पंचाध्याई महारासप्रसंग जीवमात्र को इन्द्रिय संयम ओर काम विकारों पर विजय प्राप्ती का संदेश कहलायी गई। तत्पश्चात महारास मे भोलेनाथ शिव का भी गोपी का रुप धरकर रास मे आने का प्रसंग बताया। बालसंत ने बताया कि “महारास प्रसंगलीला संयम ओर काम पर विजय प्राप्ती का संदेश कहलायी जाती हे”। बालसंत ने बताया कि बङे बङे अम्लात्मा महात्मा भी ऐसे पावन पंचाध्याई महारास प्रसंग की वास्तविकता का ज्ञान बोध समझते समझते मोह को ग्रसित हो गये थे।। तत्पश्चात भागवत कथा मे “सजीव झांकी द्वारा भगवान कृष्ण रुक्मणी विवाह की मंगलमय परिणय विवाह की कथा ओर सुदामा की मित्रता को सजीव झांकी द्वारा बतलाया गया।बालसंत ने कहा की “जीवन मे मित्रता का रिश्ता निस्वार्थ होनी चाहिए,,क्योकि स्वार्थपरक मित्रता की अवधि अधिक लम्बी नही निभती”।। श्रीगोपाल गोशाला द्वारा गोपाष्टमी पर्व पर गोमाता का पुजन किया गया ओर समस्त गोशाला की गऊमाता को छप्पन भोग का प्रसाद अर्पण किया गया। उपरोक्त गोपुजन मे कैलाशनाथ महाराज बालसंत श्रीछैल विहारी महाराज व महाजन गांव के अनेक गोभक्त प्रेमी व समाजसेवी निरंजन सोनी मोहनलाल गोङ,संजय राठी,विनोद सोमाणी,गोविंद बिहाणी,जगदीश महावीर,राजु,भोजराज प्रहलाद गोङ आदि की उपस्थि रही।

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