बीकानेर,लंपी वायरस के कारण देश के कई राज्यों में हजारों पशुओं की मौत हो चुकी देश के कई राज्यों में लंपी वायरस के कारण हजारों पशुओं की जान जा चुकी है.ये मामला अब सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंच गया है. सोमवार (31 अक्टूबर) को शीर्ष अदालत ने मामले पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार, दिल्ली हरियाणा राजस्थान सरकार समेत अन्य को नोटिस जारी किया है.
सुप्रीम कोर्ट में लगाई गई इस याचिका में इस बीमारी से निपटने के लिए एक्शन प्लान बनाने की मांग की गई है. केंद्र और 8 राज्यों को पक्ष बनाया गया है. इससे पहले इसी महीने दिल्ली हाई कोर्ट ने भी लंपी वायरस को लेकर चिंता जताई थी और दिल्ली सरकार व नगर निगम को नोटिस जारी किया था.
दिल्ली हाई कोर्ट ने भी जताई थी चिंता
दिल्ली हाई कोर्ट ने शुक्रवार (14 अक्टूबर) को कहा था कि लंपी वायरस की स्थिति चिंताजनक है. कई राज्यों में बड़ी संख्या में मवेशियों की इस बीमारी से मौत हो गई है. कोर्ट ने दिल्ली सरकार से ये सुनिश्चित करने के लिए कहा था कि एक एम्बुलेंस सेवा और एक हेल्पलाइन मौजूद रहे, जो लंपी वायरस से पीड़ित मवेशियों को बचाने के लिए इमरजेंसी कॉल पर पहुंचे.
सामाजिक कार्यकर्ता अजय गौतम की जनहित याचिका पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने सुनवाई की थी. उन्होंने तर्क दिया था कि राजस्थान, गुजरात, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश में फैली इस बीमारी से अब तक लगभग 70,000 मवेशियों की मौत हो चुकी है. इस बीमारी ने दिल्ली में भी दस्तक दे दी है और राष्ट्रीय राजधानी में गायों को प्रभावित करना शुरू कर दिया है.
लंपी वायरस पर पीएम मोदी का बयान
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले महीने कहा था कि केंद्र राज्यों के साथ-साथ मवेशियों में ढेलेदार त्वचा रोग को नियंत्रित करने के प्रयास कर रहा है. बता दें कि, ढेलेदार त्वचा रोग (एलएसडी) मवेशियों में होने वाली एक वायरल बीमारी है जो रक्त-पान करने वाले कीड़ों जैसे मक्खियों, मच्छरों और टिक्स की कुछ प्रजातियों से फैलती है. इससे पशुओं की त्वचा पर गांठें होती हैं और फिर पुशओं की मृत्यु हो जाती है.