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बीकानेर,भाजपा में आने वाले समय में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल बड़ी भूमिका में दिखाई देंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मानगढ़ सभा के दौरान भाजपा उन्हें प्रदेश में बड़े चेहरे के तौर पर प्रोजक्ट कर सकता है।राजस्थान में पिछले कुछ दिनों से भाजपा के भीतर चल रही गतिविधियों से ऐसे संकेत मिल रहे हैं। भाजपा लोकसभा चुनाव से पहले दलित नेता को बड़ा चेहरा बनाकर दलित मतदाताओं को क्यू पक्ष में कर सकती हैं। जालौर में दलित छात्र की पिटाई से मौत और हाल ही में आईएएस ट्रांसफर्स लिस्ट में दलित वर्ग से आने वाले अधिकारियों के ट्रांसफर्स से दलित समुदाय में नाराजगी है। भाजपा इसे भुनाते हुए दलित मतदाताओं को साध सकती है। राजनीति के जानकारों की माने तो पार्टी अर्जुन मेघवाल को पार्टी प्रदेशाध्यक्ष या मुख्यमंत्री के तौर पर प्रोजेक्ट कर सकती है। अर्जुन मेघवाल पीएम मोदी और शाह के शुरू से करीबी नेता माने जाते हैं। राजस्थान की राजनीति में पिछले कुछ दिनों में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व द्वारा जिस तरह मेघवाल को तरजीह दी गई है। राजनीतिक समीक्षक प्रदेश के और नेताओं के बजाय मेघवाल के बढ़ते कद को प्रदेश के राजनीतिक भविष्य से जोड़कर देख रहे हैं। इससे स्पष्ट है कि पार्टी आने वाले समय में मेघवाल को प्रदेश में बड़ी भूमिका में लाएगी।

केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल का जन्म बीकानेर के किस मिदेसार के एक पारंपरिक बुनकर परिवार में हुआ। मेघवाल की शादी मात्र 13 साल की उम्र में हो गई थी। पिता के साथ बुनकर के रूप में काम करते हुए उन्होंने पढ़ाई जारी रखी। इसके बाद डाक एवं तार विभाग में टेलीफोन ऑपरेटर के पद पर कार्य करते हुए आरएएस बने। बतौर आरएएस कार्य करते हुए पदोन्नति पाकर आईएएस बने। अर्जुन मेघवाल वर्ष 2009 में भाजपा से पहली बार सांसद बने। इसके बाद 2014 में फिर सांसद निर्वाचित होकर मोदी सरकार में वित्त राज्य मंत्री रहे। साल 2019 में तीसरी बार बीकानेर से सांसद बनते हुए मौजूदा सरकार में केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री के तौर पर काम कर रहे हैं। वे मोदी और शाह के करीबी नेताओं में शुमार हैं।

दलितों के हितों के लिए देशभर के सांसदों को एकजुट किया अर्जुन मेघवाल ऐसे सांसद हैं। जिन्होंने दलितों के हितों के लिए देशभर के सांसदों को एक पंक्ति में खड़ा किया। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट द्वारा एससीएसटी कानून को खत्म करने के फैसले का विरोध किया। इतना ही नहीं इस कानून के विरोध में वे सभी सांसदों को एकजुट करने वाले देश के प्रमुख नेता बने। भारतीय जनता पार्टी और मोदी सरकार में वह इकलौते दलित नेता है। जिन्हें पार्टी में इतनी तरजीह दी जाती है।

राजस्थान में दलित समुदाय की नाराजगी को साध सकती है बीजेपी राजस्थान में दलित समुदाय में कांग्रेस को लेकर नाराजगी है। जिसे बीजेपी साध सकती है। पिछले दिनों जालौर में छात्र की पिटाई के बाद मौत और हाल ही में हुए आईएएस ट्रांसफर लिस्ट में दलित समुदाय से आने वाले अधिकारियों को पदों से हटाए जाने पर दलित समुदाय में कांग्रेस सरकार से नाराजगी है। बीजेपी दलित समुदाय की इस नाराजगी को अपने पक्ष में भुना सकती है। बीजेपी मौजूदा सरकार से दलित समुदाय की नाराजगी को अपने पक्ष में साथ सकती है। इस नाराजगी के जरिए भाजपा प्रदेश में दलित समुदाय से सहानुभूति रखते हुए अपने पक्ष में माहौल खड़ा कर सकती है।

अर्जुन मेघवाल का बीजेपी में बढ़ता कद भी इसी बात का संकेत दे रहा है।

वसुंधरा के दखल के बावजूद देवी सिंह भाटी घर वापसी टली बीकानेर में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के दखल के बावजूद पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी भाजपा में घरवापसी नहीं कर पा रहे हैं। इसकी वजह केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल से उनके मतभेद हैं। पार्टी शीर्ष नेतृत्व ने भाटी की घरवापसी को लेकर फैसला टाल रखा है। इसे भी अर्जुन मेघवाल के भाजपा में बढ़ते कद से जोड़कर देखा जा रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी के मानगढ़ दौरे के प्रभारी बनाए जाने की चर्चा केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मानगढ़ दौरे के प्रभारी बनाए जाने की चर्चा सियासी गलियारों में हैं। राजनीति के जानकार मानते हैं कि मेवाड़ में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया और राजस्थान में आदिवासी समुदाय के बड़े नेता राज्यसभा सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा होने के बावजूद बीकानेर के नेता को डूंगरपुर की रैली का प्रभारी बनाया जाना बड़ा संकेत है। आपको बता दें मानगढ़ रैली के प्रभारी होने के नाते अर्जुन मेघवाल पीएम मोदी के पूरे दौरे के दौरान उनके साथ मौजूद रहेंगे। इससे प्रदेश की सियासत में बड़ा संदेश जाने वाला है।

भाजपा नेताओं की घर वापसी तय करेंगे मेघवाल हाल ही में बीजेपी ने अपने नेताओं की घर वापसी के लिए एक कमेटी गठित की है। इस कमेटी में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल को अध्यक्ष और उनके साथ विधायक वासुदेव देवनानी को लिया गया है। अब पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया से सलाह लेकर अर्जुन मेघवाल तय करेंगे कि पार्टी में किसे शामिल करना है और किसे नहीं। यह भी अपने आप में बड़ा संदेश है। कुल मिलाकर भाजपा राजस्थान में अर्जुन मेघवाल को बड़े चेहरे के तौर पर पेश करना चाहती है। राजनीति के जानकारों की माने तो पार्टी उन्हें प्रदेश अध्यक्ष या मुख्यमंत्री के रूप में राजस्थान में प्रोजेक्ट कर सकती है। बीजेपी उन्हें इस पद का लाभ देकर पूरे देश में दलित मतदाताओं को अपने पक्ष में साध सकती है।

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