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बीकानेर,दिल्ली महिला आयोग अध्यक्ष ने राजस्थान के मुख्यमंत्री को ट्वीट किया कि जिलों में बच्चियों की स्टाम्प पेपर पर बोली लग रही है और नेता कुर्सी की खींचतान में लगे हैं

एक्शन लीजिए, कब तक ऐसा चलता रहेगा?

राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में नाबालिग लड़कियों को स्टाम्प पेपर पर बेचने के मामले में दिल्ली महिला आयोग ने भी दखल दिया है. अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को ट्वीट करके कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने लिखा कि “राजस्थान के आधा दर्जन जिलों में छोटी-छोटी बच्चियों की स्टाम्प पेपर पर बोली लग रही है और राज्य के नेता कुर्सी की खींचतान में लगे हैं. 8 से 18 साल तक की बेटियों की मंडी लगाई जा रही है. तुरंत एक्शन लीजिए, कब तक ऐसा चलता रहेगा?”

इस पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने संज्ञान लेते हुए कहा कि “मीडिया में खबर आई है, हमने टीम लगा दी है. वास्तव में क्या स्थिति है, ये पता लगाया जा रहा है. अगर कोई घटना हुई है तो हम किसी को नहीं बख्शेंगे.” स्टाम्प पेपर पर बेच देते हैं

ऐसी खबरें आई थीं कि राजस्थान में 8 से 18 साल तक की लड़कियों को नीलाम किया जा रहा है. उन्हें यूपी, दिल्ली, मध्य प्रदेश, मुंबई और यहां तक कि विदेश में बेचा जा रहा है. ये सारी चीजें राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में मौजूद पंडेर गांव में की जा रही हैं. जहां कई छोटी बस्तियों में गरीब परिवार की लड़कियों को कर्ज उतारने के दबाव में दलाल स्टाम्प पेपर पर बेच दे रहे हैं.

जातीय पंचायत की भी मिलीभगत

गांव के लोगों का कहना है कि ये सारा घिनौना काम जातीय पंचायत वाले कर रहे हैं. वहां की एक लड़की ने बताया कि जब वो 21 साल की थी तो उसे बंधक बनाया गया था. जब भी वो भागने की कोशिश करती तो पकड़ी जाती थी. एक दिन जब उसने भागने की कोशिश की और पकड़ी गई तो उसके साथ रेप किया गया. कई लोगों ने तब तक रेप किया जब तक वो बेहोश नहीं हो गई. उस लड़की ने कहा कि ये सारे फैसले पंचायत के दबाव में किए जाते हैं.कर्ज के लिए बेची जाती हैं

बताया जाता है कि पंडेर में कर्ज उतारने के लिए लड़कियो को बेच दिया जाता है. कर्ज लड़की के बाप लेते हैं. यहां तक कि लड़कियों को रिश्तेदार भी खरीद लेते हैं और वे भी मौका मिलते ही उन्हें बेच देते हैं.

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