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बीकानेर,मानव धर्म प्रचार सेवा संस्थान बीकानेर एवम श्रीगोपाल गोशाला महाजन के संयुक्त तत्वावधान मे”श्रीमद् भागवत सप्ताह कथा का वाचन बालसंत श्रीछैल विहारी महाराज के द्वारा हो रहा हे।दुसरे दिन की कथा वाचन करते हुए महाभारत की अंतिम घटनाओ के वृतांत,सृष्टि संरचना,शुकदेव प्राकट्य,भगवान के 24 अवतारो की कथा,कृष्ण द्वारा प्रेम के वशीभुत होकर विदुरानी के हाथो केले के छिलके खाने की कथा सहित अनेको प्रसंग विस्तृत रुप मे सुनाये। बालसंत श्रीछैल विहारी महाराज ने श्रीकृष्ण ओर विदुरानी संवाद माध्यम से बताया।कि भगवान भक्त के दिखावे से नही अपितु परमात्मा केवल मात्र भाव के भुखे होते हे।बिना प्रेमभाव से की गयी भक्ति पुजा का कोई अस्तित्व नही होता। श्रीमद्भागवत पुराण ही एकमात्र ऐसा शास्त्र हे जो कि प्राणी मात्र मे संस्कारो को पुष्टी प्रदान करता हे।भागवत को श्रवण चिंतन मनन कर अगर संसार के प्रत्येक प्राणी भागवत के सिद्धांतो को जीवन मे आचरण मे लाये।तो भागवतकथा जीवन जीने की अद्भुत कला व संस्कारित जीवन जीने सिखलाने वाला दिव्य ओर अनुपम शास्त्र हे।।”गोशाला संचालक ने बताया कि आज दुसरे दिन की कथा वाचन से पुर्व पंचदेवता व नवग्रह का पंचोपचार षोडशोपचार पुजन व भागवत पोथी पुजन एव व्यास तिलक दिनेश कुमार चांदनी सोमाणी,मोहन गोङ परिवार ने जोङे सहित पुजन करवाया । गोशाला संचालक निरंजन सोनी ने बताया कि बालसंत श्रीछैल विहारी महाराज महाजन श्रीगोपाल गोशाला मे पालन पोषण हो रही करीब 700 गोवंश की सहायतार्थ निमित्त भागवत कथा कर रहै है। समस्त गोभक्तो को आव्हान करते हुए बालसंत ने कहा कि गोसेवा व गोपालन पोषण की भावना को सीमाओ मे नां बांधे अपितु कोई गऊमाता हो, कोई गऊशाला हो, आश्रित निराश्रित केसा भी गोवंश हो सब गोभक्त व दानदाता सामूहिक रुप से गोमाता व गोरक्षा व गऊमाता के पोषण को अपने जीवन की दिनचर्या बनाकर अपने देनिक जीवन से समय निकालकर गोसेवा करे।

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